कैंसर से होड़ हौसले की दौड़ मेराथन रविवार को


कैंसर से होड़ हौसले की दौड़ मेराथन रविवार को

नारीत्व संस्थान द्वारा रविवार 29 अक्टूबर को प्रातः आठ बजे फतहसागर पाल से कैंसर जागरूकता हेतु रन फाॅर नारीत्व नामक मेराथन दौड़ आयोजित की जाएगी। दौड़ का उद्घाटन साढ़े सात बजे होगा। दौड़ में करीब एक हजार महिलाएं भाग लेगी। संस्थान की संचालिका ज्योति चैहान ने बताया कि इस दौड़ को कैंसर से होड़ हौसले की दौड़ नाम दिया गया है। दौड़ में सामान्य महिलाओं सहित ब्रेस्ट एवं बच्चेदानी कैंसर सर्वाइवर महिलाएं भाग लेगी। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये स्पाॅट पंजीकरण किये जायेंगे। इसमे केवल महिलाएं ही भाग लेगी।

 
कैंसर से होड़ हौसले की दौड़ मेराथन रविवार को

नारीत्व संस्थान द्वारा रविवार 29 अक्टूबर को प्रातः आठ बजे फतहसागर पाल से कैंसर जागरूकता हेतु रन फाॅर नारीत्व नामक मेराथन दौड़ आयोजित की जाएगी। दौड़ का उद्घाटन साढ़े सात बजे होगा। दौड़ में करीब एक हजार महिलाएं भाग लेगी। संस्थान की संचालिका ज्योति चैहान ने बताया कि इस दौड़ को कैंसर से होड़ हौसले की दौड़ नाम दिया गया है। दौड़ में सामान्य महिलाओं सहित ब्रेस्ट एवं बच्चेदानी कैंसर सर्वाइवर महिलाएं भाग लेगी। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये स्पाॅट पंजीकरण किये जायेंगे। इसमे केवल महिलाएं ही भाग लेगी।

चैहान ने बताया कि 4 किमी. की यह दौड़ फतहसागर पाल से प्रारम्भ होकर यूआईटी चैराहा, सहेलियों की बाड़ी, विद्याभवन, देवाली से फतहसागर नीमजमाता जा कर सम्पन्न होगी।

कैंसर सर्वाइवर महिलाओं के लिये कार्यरत है नारीत्व संस्थान, देश में बढ़़ रहे प्रतिवर्ष डेढ़ लाख स्तन कैंसर के मामलें

कैंसर सर्वाइवर महिलाओं एवं सामान्य महिलाओं के उत्थान हेतु गत 4 वर्षो से कार्य कर रहे नारीत्व संस्थान की ज्योति चैहान ने बताया कि मुख्यतः शहरी के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं में कैंसर के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता है और संस्थान उसी क्षेत्र में आगे बढ़़ रही है।

चैहान ने बताया कि कैंसर विश्व के समक्ष एक चुनौती लिये खड़ा हुआ है। यहीं कारण है कि भारत में प्रति वर्ष स्तन कैंसर के डेढ़ लाख से अधिक मामलें बढ़ रहे है और यह चिंताजनक है। कैंसर मामलों में भारत चीन और अमेरीका के बाद तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा भारत विश्व के उन प्रथम दो देशों में शामिल है जहाँ कैंसर से सर्वाधिक मोतें होती है।

उन्होेंने बताया कि भरत में कैंसर से मरने में स्तन एंव बच्चेदानी का कैंसर प्रमुख है। देश में प्रतिवर्ष 80 हजार महिलाओं की मौतें कैंसर से होती है। भारत में 600 से अधिक महिलाओं को आखिर स्टेज पर कैंसर का पता चलता है और ऐसी स्थिति में उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है।

ज्योति ने बताया कि प्रति दिन देश में औसतन 2 हजार महिलाओं को स्तन कैंसर का पता चलता है और उसमें 1200 महिलाओं का कैंसर अंतिम स्टेज का होता है। अधिकतर मामलें 30 वर्ष की उम्र सामनें आते है और 54 से लेकर 60 वर्ष तक पंहुचते-पंहुचते ये मामले अपनी चरम सीमा पर होते है।

नारीत्व संस्थान के भूपेन्द्र मेनारिया ने बताया कि संस्थान द्वारा शहर-शहर-गांव-गांव में निःशुल्क शिविर लगाकर कैंसर से बचने एवं जागरूकता लाने की संदेश दिया जाता है।

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