परीक्षा का दबाव कम करने के उपाय
परीक्षा का मौसम आ गया। घर का वातावरण किसी आपातकाल से कम नहीं लगता है। ये गंभीर वातावरण बच्चों में तनाव बढ़ाने का काम करता है। क्या परीक्षाकाल एक उत्सव की तरह नहीं मनाया जा सकता है। थोड़ी सी सावधानी व बातें यदि ध्यान रखें तो बच्चों को परीक्षा के दबाव से मुक्त रख सकते है।
परीक्षा का मौसम आ गया। घर का वातावरण किसी आपातकाल से कम नहीं लगता है। ये गंभीर वातावरण बच्चों में तनाव बढ़ाने का काम करता है। क्या परीक्षाकाल एक उत्सव की तरह नहीं मनाया जा सकता है। थोड़ी सी सावधानी व बातें यदि ध्यान रखें तो बच्चों को परीक्षा के दबाव से मुक्त रख सकते है।
माता-पिता की भूमिका
माता-पिता का कर्तव्य है कि वे सभी अपनी जीवन शैली में कुछ परिवर्तन करें। परीक्षा की तैयारी प्रारम्भ हो, तभी से टी.वी., मोबाईल का प्रयोग सीमित कर अधिकाधिक समय बच्चे के आसपास बिताए। इससे बच्चों को मानसिक सुरक्षा मिलेगी। हल्की फुल्की बातें कर लेने से दबाव कम होता है।
यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि परीक्षा के दिनों में बच्चे को कैदी जैसा न बनाया जाए। कई बार देखा जाता है कि माता-पिता बच्चों को उनके मित्रों से भी नहीं मिलने देते है, न खेलने देते हैं। मित्रों से बात करने से तथा खेलने से (विशेषतया आउट डोरे खेल) बच्चों का मानसिक दबाव कम हो जाता है तथा नयी स्फूर्ति एवं ऊर्जा के साथ पुनः अध्ययन के लिए तैयार हो जाते हैं। खेल एक ऐसा माध्यम है जो शरीर के साथ मानसिक दबाव को भी कम करता है। खेल में जितनी सक्रियता होती है उतना ही मानसिक दबाव कम होता है।
टाईम टेबल
परीक्षा के दिनों में बच्चों को प्रतिदिन टाईम टेबल अवश्य बना लेना चाहिए। टाईम टेबल इतना महत्वाकांक्षी भी न बनाए जिसे पूरा करना बेहद कठिन हो वर्ना पूरा न होने पर आत्मविश्वास कम हो जाएगा व तनाव बढ़ जाएगा। टाइम टेबल मनाते समय यह भी ध्यान रहे कि किन विषयों में अधिक समय देने की आवश्यकता है, जो विषय कठिन है उन्हें सुबह रखें जाए। टाईम टेबल में प्रति घण्टे रिलेक्स होने के लिए 15 मिनिट दिए जाए।
टाईम टेबल के अनुसार अध्ययन प्रारम्भ करने के पूर्व जिस पाठ को प्रारम्भ कर रहे हैं, उसके बारे में जितना याद है वे बिन्दु लिख लें, फिर पढ़े, एक बार पढ़ने के बाद पुनः पुस्तक बन्द कर छूटे हुए बिन्दु को लिखें। एक बार पुनः पढ़ कर सुनिश्चित कर लें कि कोई बिन्दु अब भी छूट तो नहीं गया है। इस पुनरावृत्ति से जो कुछ अध्ययन किया वह स्थायी रूप से स्मृति में रहेगा। वैसे भी यह शोध प्रमाणित है कि हमारा ध्यान कुछ ही क्षणों में इधर उधर भटक जाता है। अतः दोहराना अति महत्वपूर्ण हैं। मौखिक अध्ययन पर निर्भर न रहे- जो भी अध्ययन करें संक्षिप्त बिन्दु, चित्रात्मक स्वरूप में अवश्य लिखें। मौखिक पढ़ी, विषयवस्तु का स्थायीत्व कम होता है, परीक्षा के समय मौखिक पढ़ी विषयवस्तु ही सबसे ज्यादा भूली जाती है।
याद करने वाली बातों को ज्ञात चीज से जोड़ें
तारीखे, क्रम, इतिहास से जुड़ी घटनाओं को स्मरण करने के लिए मिलते जुलतेे नामों से जोड़ कर याद करने से स्थायी याद हो सकेंगे जैसे – सम्राट अशोक द्वारा किए कार्यों को याद करते समय विचार करें आपका दोस्त अशोक है जो समाज के लिए कार्य करता है। इस प्रकार ज्ञात चीज़ से सह सम्बन्धित करने से बहुत जल्दी स्थायी स्मरण होता है। पर्याप्त नींद लें –
अक्सर परीक्षा के दिनों में नींद में कटौती शुरू हो जाती है जो गलत है। तनाव व दबाव को दूर करने के लिए 7-8 घण्टे की नींद आवश्यक है।
हल्का आहार
प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट व मिनरल युक्त भोजन थोड़े-थोड़े अन्तराल में लिए जाए। तला, मैदायुक्त व पाचन की दृष्टि से भारी खाद्यों से दूर रहे। सलाद, सूप, फल व सादा भोजन उपयुक्त रहते हैं।
संगीत
मस्तिष्क को रिलेक्स रखने क लिए संगीत सुनना या गाना बेहतरीन तरीका है। मन को सुकून देने वाले गानों को गुनगुनाने के बाद पुनः नयी ऊर्जा महसूस करेंगे।
अच्छे मित्रों से बात करें
कुछ ऐसे मित्र जिनसे बात कर सकारात्मक ऊर्जा सृजित होती है, उनसे सम्पर्क बनाए रखें। इन सबके बावजूद भी मन में दबाव महसूस करते हैं तो उसे बढ़ने न दें, मन के भाव साझा करें, बात करें, मित्रों से मदद लें। प्रारम्भ से व्यवस्थित, समय प्रबन्धन व जागरूक रहें तो परीक्षा का दबाव हावी नहीं हो सकेगा। स्वयं का मूल्यांकन करते रहें, जब आप महसूस करेंगे कि आपको काफी कुछ याद है तो उत्साह बढ़ेगा व दबाव कम होगा।
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