लोकतंत्र के लिये मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण
' राष्ट्र निर्माण को व्यापक रूप से साकार करने में मीडिया की भूमिका सर्वाधिक प्रभावी है बशर्ते यह सकारात्मकता के साथ हो ' कुछ ऐसे ही तेजतर्रार विचारों के साथ पेसिफिक विश्वविद्यालय के पेसिफिक इंस्टीटयूट आफ बिजनेस स्टडीज कॉलेज में मास कम्युनिकेशन विभाग की ओर से राष्ट्र के निर्माण में मीडिया की भूमिका विषय पर चर्चा में विधार्थियों ने अपने मत रखे। इस मौके पर राष्ट्र निर्माण को सामूहिक प्रयासों की अवधारण के रूप में प्रतिस्थापित किया गया।
‘ राष्ट्र निर्माण को व्यापक रूप से साकार करने में मीडिया की भूमिका सर्वाधिक प्रभावी है बशर्ते यह सकारात्मकता के साथ हो ‘ कुछ ऐसे ही तेजतर्रार विचारों के साथ पेसिफिक विश्वविद्यालय के पेसिफिक इंस्टीटयूट आफ बिजनेस स्टडीज कॉलेज में मास कम्युनिकेशन विभाग की ओर से राष्ट्र के निर्माण में मीडिया की भूमिका विषय पर चर्चा में विधार्थियों ने अपने मत रखे। इस मौके पर राष्ट्र निर्माण को सामूहिक प्रयासों की अवधारण के रूप में प्रतिस्थापित किया गया।
गोष्ठी में संस्थान निदेशक डॉ. महेन्द्र सोजतिया ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में नित नयी विचारधाराओं के साथ नवनिर्माण को सहेजने में मीडिया की व्यापक भूमिका हो सकती है। यही नहीं राष्ट्र के विकास के लिए मीडिया को व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा को एक तरफ रख के, प्राथमिकता के साथ राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना होगा और यदि ऐसा हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब पूरा देश एक बार फिर से भय, भूख और भ्रष्टाचार की तमाम समस्याओं से उबर चुका होगा।
पीआर्इबीएस के मास कम्युनिकेशन विभाग की विचार गोष्ठी में विधार्थियों ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रानिक जनसंचार माध्यमों का प्रयोग दिनों-दिन बढ़ रहा है। जिससे जनता जागरूक हो रही है। साथ ही छात्रों यह भी कहा कि आज के समय में निष्पक्ष मीडिया ही संस्कृति की रक्षा कर सकता है। पत्रकारिता से ही विचार और अभिव्यकित की स्वतंत्रता मिल सकती है। आज देश में हर तरफ भ्रष्टाचार व्याप्त है देशवासी इससे त्रस्त है और उन्हें सिर्फ मीडिया से ही आशा है कुछ राहत मिलने की।
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