
नैसर्गिक समृद्धता से लकदक लेकसिटी में आगामी 21 से 23 दिसंबर को मेगा बर्डफेयर का आयोजन किया जाएगा। बर्डफेयर की पूर्व तैयारियों को लेकर शनिवार को संभाग के प्रमुख बर्डवॉचर्स और वन विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में फतहसागर स्थित वन विभाग की अरण्य कुटीर में एक बैठक का आयोजन किया गया।
वन विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक(आईटी) एनसी जैन के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस बैठक में बर्डफेयर की आरंभिक तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए जैन ने कहा कि झीलों की सेहत सुधारने और इसके प्रति जनजागरूकता पैदा करने के लिए बर्डफेयर एक अच्छा माध्यम है। उन्होंने तीन दिवसीय बर्डफेयर से आमजनों के साथ कॉलेज विद्यार्थियों और ग्रामीण जनसमुदाय को भी जोड़ने का सुझाव देते हुए पांच अलग-अलग स्थानों पर बर्डवॉचिंग की व्यवस्थाएं करने का सुझाव दिया। बैठक को संबोधित करते हुुए मुख्य वन सरंक्षक टाईगर प्रोजेक्ट सरिस्का अलवर के आरएस शेखावत ने गत वर्ष डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर आयोजित हुए बर्डफेयर को देश का अबतक का अनूठा और सफल बर्डफेयर बताया और इसमें की गई व्यवस्थाओं की तर्ज पर तैयारियां करने का सुझाव दिया। उन्होंने उदयपुर को ईकोलोजिकल हब बताते हुए बर्डवॉचिंग को पर्यटन से जोड़ने की बात कही और बताया कि इसके लिए सभी टूरिस्ट गाईडों को बर्डवॉचिंग का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को बर्डवॉचिंग की ओर उन्मुख कर सके। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव उदयपुर राहुल भटनागर ने वन और पर्यटन विभाग के तत्वावधान में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय बर्डफेयर में विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाओं के लिए विभागीय अधिकारियों को जुटने के निर्देश दिए और कहा कि प्रयास किया जाना चाहिए कि बर्डफेयर में पहुंचने वाले पक्षीप्रेमियों को किसी प्रकार की असुविधाएं न हो। उन्होंने बर्डफेयर में सम्मिलित होने वाले बच्चों को पक्षीदर्शन के लिए बेहतर व्यवस्थाएं करने, अतिथियों के आवास, विभिन्न प्रतियोगिताओं व प्रदर्शनी के आयोजन तथा संदर्भ सामग्री सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए संबंधित प्रभारी अधिकारियों को पुख्ता तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक के आरंभ में सहायक वन संरक्षक डॉ.सतीश शर्मा ने तीन दिवसीय आयोजन की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और पिछोला झील में विद्यार्थियों और बर्डवॉचर्स को बर्डवाचिंग के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रदर्शनी और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं के आयोजन और इनके प्रभारी अधिकारियों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान ब्रिगेडियर हर्षवर्धन सिंह शक्तावत, उप वन संरक्षक डॉ. टी.मोहनराज, चित्तौड़़ के उप वन संरक्षक वीएस राणा, उप वन संरक्षक सोहेल मजबूर, डूंगरपुर से सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कमलेश शर्मा, सहायक प्राचार्य डॉ. छाया भटनागर, डूंगरपुर के मानद् वन्य जीव प्रतिपालक वीरेन्द्रसिंह बेड़सा, कॉमर्शियल आर्टिस्ट और बर्डवाचर रूपेश भावसार, उदयपुर के पक्षीप्रेमी विनय दवे, शैलेन्द्र तिवारी सहित कई पक्षी विशेषज्ञों ने बर्डफेयर के आयोजन के संबंध में महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए।
यह होगी बर्डफेयर की गतिविधियां: मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव उदयपुर राहुल भटनागर ने बताया कि तीन दिवसीय बर्डफेयर के तहत पहले दिन 21 दिसंबर को सुबह पिछोला झील के पास बर्डवॉसिचंग करवाई जाएगी। यहीं पर प्रदर्शनी तथा प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। दोपहर में आरसीए सभागार में उदयपुर में बर्डवॉचिंग और संबंधित विषयों पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा इसमें देशभर के पक्षी विशेषज्ञ और पर्यावरणप्रेमियों द्वारा वार्ताओं की प्रस्तुति दी जाएगी। दूसरे दिन बर्डवॉचर्स के दल को डूंगरपुर की गेपसागर व साबेला झील, उदयपुर जिले के मेनार, घासा तथा पाली जिले की जवाई झील की सैर करवाते हुए बर्डवॉचिंग करवाई जाएगी। तीसरे दिन सुबह में फोटोग्राफी प्रतियोगिता के आयोजन के साथ ही समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा।
बीएनएचएस के असद रहमानी पहुंचेंगे: भटनागर ने बताया कि तीन दिवसीय बर्डफेयर में देश के ख्यातनाम पक्षीविशेषज्ञ और वन्यजीव फोटोग्राफर्स के साथ बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के निदेशक असद रहमानी भी पहुंचेंगे। रहमानी यहां पर बर्डसेंसस पर कार्यशाला भी लेंगे और पक्षीप्रेंमियों को पक्षीगणना की विधियों पर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।