मेघराज तावड़ जागीरदारों के विरोधी एवं आदिवासियों के सदैव हितेषी रहे


मेघराज तावड़ जागीरदारों के विरोधी एवं आदिवासियों के सदैव हितेषी रहे

कामरेड मेघराज तावड़ के असामयिक निधन पर राजस्थान आदिवासी महासभा ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि तावड़ ताउम्र जागीरदारो के विरोधी एवं आदिवासियों के हितैषी रहे।

 
मेघराज तावड़ जागीरदारों के विरोधी एवं आदिवासियों के सदैव हितेषी रहे

कामरेड मेघराज तावड़ के असामयिक निधन पर राजस्थान आदिवासी महासभा ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि तावड़ ताउम्र जागीरदारो के विरोधी एवं आदिवासियों के हितैषी रहे।

महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भूपतसिंह भगोरा ने से.14 स्थित महासभा के कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजली सभा में कहा कि उनका निधन आदिवासी समाज के लिये अपूरणीय क्षति है। उनका जन्म ऐसे समय हुआ जब देश में स्वतंत्रता आन्दोलन चल रहा था। उस समय जागीरदारों द्वारा आदिवासियों का निरन्तर किये जा रह शोषण से वे बाल्यकाल से ही काफी व्यग्र्र होने लगे थे। तावड़ एक समुदाय के नहीं हो कर सर्व समाज के मसीहा थे।

इस अवसर पर महासचिव सामेश्वर मीणा,संभागीय अध्यक्ष अमृतलाल मीणा, आदिवासी एकता परिषद के गंगाराम मीणा,जनजाति चहुमखी विकास संस्थान के धर्मराज मीणा, जन-जमीन-जगल आन्दोलन के रमेश नदंवाना, डी.आर.मीणा, चंपालाल परमार, आमीर मोहम्मद शेख, फुलश्ंकर डामोर, धनराज अहारी, सतिह विभिन्न संगठन के पदाधिकारियों द्वारा शोक व्यक्त किया गया।

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