विद्यापीठ के साहित्य संस्थान में स्मरणांजली
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्य़ालय के संगठक साहित्य संस्थान सभागार में सोमवार को प्रख्यात कवि, साहित्यकार नन्द चतुर्वेदी का स्मरणांजली दी गई ।
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्य़ालय के संगठक साहित्य संस्थान सभागार में सोमवार को प्रख्यात कवि, साहित्यकार नन्द चतुर्वेदी का स्मरणांजली दी गई ।
स्मरणांजली में कुलपति प्रो. एस.एस सारंगदेवोत ने कहा कि नन्द बाबू इतिहास विद कवि, साहित्यकार, शिक्षाविद थे । वे साहित्यकारों के साहित्यकार थे । उन्होनंे अपने जीवन के हर क्षण में साहित्य को जीया और वह स्पष्टवादी थे। संगोष्ठी में इन्द्रप्रकाश श्रीमाली ने स्मरण करते हुए कहा कि वे हिन्दी, बृज व अगं्रेजी के सजृक व साधक रहे । नन्द बाबु को 12 वर्ष की आयु में कविता के लिये प्रथम पुरूस्कार दिया गया । वो वंचितों के मसीहा थे ।
विशिष्ठ अतिथि उग्रसेन राव ने बताया कि नन्द बाबु साहित्यकारों के सान्ता क्लोज थे । समाजवाद के प्रबल समर्थक थे ं इनकी लेखनी में भारत देश व समाज की वर्तमान ज्वलन्त मुद्दों पर आधारित थी । उनकी कृछ कृतियों में गा हमारी जिन्दगी कुछ गा, जहॉ उजाले की एक रेखा खंीची है यह समय मामूली नही, ईमानदार दुनिया के लिये, वे सोये तो नहीं होंगे प्रमुख थी । संस्थान निदेशक डॉ0 जीवन सिंह खरकवाल ने उनके जीवन व कर्मक्षेत्र की संक्षिप्त जानकारी दी । श्रद्धांजली सभा में डॉ0 मनीष श्रीमाली, डॉ. कुल शेखर व्यास, डॉ0 महेश आमेटा, डॉ. हरीश शर्मा, डॉ0 प्रियदर्शनी ओझा, धर्मनारायण सनाढ्य, भरत लाल आचार्य, संगीता जैन, सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
व्याख्यान माला होगी – प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि नन्दबाबू की स्मृति में प्रति वर्ष 25 दिसम्बर को साहित्य संस्थान में व्याख्यान माला का आयोजन किया जायेगा ।
चोलवंश के सौ वर्ष पूण्र होने पर चौल शासक राजेन्द्र चौल की उपब्धियों पर मंगलवार को साहित्य संस्थान के सभागार में एक संगोष्ठि का आयोजन किया जायेगा जिसमें मुख्य वक्ता इतिहासविद् डॉ. राजशेखर व्यास, विशिष्ठ अतिथि इतिहासविद् के.एस गुप्ता, मुख्य अतिथि पेसिफिक विवि के प्रो. बी.पी शर्मा होगे अध्यक्षता कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत करेंगे।
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