मन,वाणी एवं देह अनमोल निधि


मन,वाणी एवं देह अनमोल निधि

ईश्वर ने मनुष्य को अनमोल निधि के रूप में उसे मन, वाणी और देह दी है। इन तीनेां के दम पर मनुष्य अपना जीवन सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के रूप में अपना सकता है।

 

ईश्वर ने मनुष्य को अनमोल निधि के रूप में उसे मन, वाणी और देह दी है। इन तीनेां के दम पर मनुष्य अपना जीवन सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के रूप में अपना सकता है।

उपरोक्त बात श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि कुमुद ने पंचायती नोहरे में आयोजित विशाल धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि हम सत्य के द्वारा मन को, शिवम् के द्वारा वाणी को और सुन्दरं अर्थात निर्दोष का आचरण करके इस देह को पवित्र कर सकते है।

उन्होंने कहा कि सत्यम् शिवम् सुन्दरम् ये भारतीय संस्कृति के शब्द ही नहीं है ये रत्न है। इनके द्वारा व्यक्ति जीवन में सभी प्रकर की सफलताएं अर्जित लेता है। सम्यक् दर्शन ज्ञान और चारित्र जैन संस्कृति के रत्न त्रय है इनमें और वैदिक संस्कृति के रत्न त्रय में बड़ी समानता है। मानव जीवन की विविध कठिनाईयों के बीच इन प्रभावक शब्दों से जीवन को सम्यक् दिशा प्राप्त हो जाती है।

उन्होंने बताया कि मन वचन और काया ही तो अपना जीवन है ये न हो तो चेतना अपनी कोई प्रवृति नहीं कर सकती है। अत: इन्हें जैन संस्कृति में योग कहते है। योग का अर्थ जुडऩा जोडऩा होता है। चेतना इन तीनों के माध्यम से ही विश्व से जुड़ता है।

इन्हीं के प्रयोग से चेतना अपनी गति विधियां चलाती है। सद्भाग्य है कि हमें ये तीनों अनमोल निधियंा प्राप्त है। अनेक प्राणी ऐसे भी है जिन्हें ये पूर्ण रूप से उपलब्ध नही है। इनकी अपूर्णता में वे पशुवत, जड़वत जीवन जीते है। यह सत्य है कि इन्ही तीनों का सम्यक् प्रकार से प्रयोग कर आत्मा महापुरूष बनता है और इनके दुरूपयोग से तुच्छ व्यक्ति भी बन सकता है।

उन्होंने बताया कि पर्युषण के आज तीसरे दिन हम प्रयास करें कि हमारें जीवन के ये तीनो अंग श्रैष्ठ और स्वस्थ रहे। इनकी श्रैष्ठता हम सेवा परोपकार और स्वाघ्याय के द्वारा प्राप्त कर सकते है। प्रवचन सभा का शुभारम्भ प्रवर्तक मदन मुनि के सूत्र स्वाध्याय पूर्वक प्रारम्भ हुआ। कोमल मुनि ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन श्रावक संघ मंत्री हिम्मत बड़ाला ने किया। संघ के वीरेन्द्र डांगी अतिथियों का स्वागत किया।

बड़ा कल्प मंगलवार को-मंत्री हिम्मत बड़ाला ने बताया कि स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की महिलाएं मंलगवार को बड़ा कल्प के तहत अपने पति के सुखमय एंव दीर्घायु जीवन की कामना के लिए एक दिन का उपवास रखेंगी। प्रवचन में प्रतिदिन दो से ढाई हजार श्रावक प्रवचनों का लाभ ले रहे है।

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