श्रम एवं नियोजन राज्यमंत्री का उदयपुर दौरा


श्रम एवं नियोजन राज्यमंत्री का उदयपुर दौरा

प्रदेश के श्रमए नियोजन एवं कारखाना.बॉयलर्स निरीक्षण विभाग के राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने कहा है कि राज्य में कार्यरत समस्त प्रकार के श्रमिकों का पंजीकरण करते हुए श्रमिक कल्याण योजनाओं का लाभ देने की सरकार की मंशा है और इस कार्य में समस्त जनप्रतिनिधि और अधिकारी सहयोग करें।

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श्रम एवं नियोजन राज्यमंत्री का उदयपुर दौरा

प्रदेश के श्रम, नियोजन एवं कारखाना.बॉयलर्स निरीक्षण विभाग के राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने कहा है कि राज्य में कार्यरत समस्त प्रकार के श्रमिकों का पंजीकरण करते हुए श्रमिक कल्याण योजनाओं का लाभ देने की सरकार की मंशा है और इस कार्य में समस्त जनप्रतिनिधि और अधिकारी सहयोग करें।

वे शुक्रवार को यहां जिला परिषद सभागार में प्रेस कांफ्रेंस तथा निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण, विभाग की विभिन्न योजनाओं में बकाया प्रकरणों व विभागीय प्रगति की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अधिकाधिक श्रमिकों को योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से श्रमिकों के पंजीयन के लिए 6 लाख के लक्ष्य को बढ़ाकर 25 लाख किया गया है और पंजीकरण के लिए शक्तियों का विस्तार करते हुए समस्त विभागों के सहायक अभियंताए विकास अधिकारीए ग्राम पंचायत के सचिव व ईमित्र सेवा केन्द्रों को पंजीकरण का अधिकार दिया है। उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र के सवा करोड़ मजदूरों के पंजीकरण के लिए प्रदेशभर में अभियान प्रारंभ किया गया है।

उन्होंने कहा कि पंजीकरण के लिए शक्तियों के विस्तार के कारण अब विभाग के 40 इंस्पेक्टरों के स्थान पर 22 हजार कार्मिकों द्वारा पंजीकरण का कार्य किया जाएगा। उन्होंने पंजीयन के लिए प्रेरित करने वाले व्यक्तियों को भी 25 रुपये मानदेय देने की जानकारी दी और कहा कि जनप्रतिनिधि इस कार्य में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए श्रमिकों को लाभांवित करावें।

बैठक दौरान उन्होंने असंगठित मजदूरों के लिए श्रमिक कल्याण मण्डल के गठन और इसके माध्यम से श्रमिक कल्याण के तहत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेन के कार्य की भी जानकारी दी। उन्होंने निर्माण श्रमिकों के साथ मण्डी श्रमिकोंए घर व दुकानों के कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए प्रस्तावित योजनाओं के बारे में भी बताया।

बैठक में विधायक फूलसिंह मीणाए सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणाए खेरवाड़ा विधायक नानालाल अहारीए मावली विधायक दलीचंद डांगीए गोगुंदा विधायक प्रतापलाल भील आदि ने श्रमिक पंजीकरण और बाल श्रम से संबंधित समस्याओं पर विचार व्यक्त किए।

बैठक को संबोधित करते हुए श्रम आयुक्त रजत कुमार मिश्रा ने श्रमिक पंजीयन के संबंध में आने वाली समस्याओं के समाधान प्रस्तुत किए और राज्य स्तर से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए विद्यालयों को प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध कराने के लिए दिए गए निर्देशों की जानकारी प्रदान की।

जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने श्रमिक पंजीकरण व कल्याण योजनाओं के लिए जनजागरूकता पैदा करने की आवश्यकता जताते हुए इस कार्य को अभियान रुप में संपादित करने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए भवनों के अभाव की समस्या का भी प्राथमिकता से समाधान किया जाएगा। श्रम राज्य मंत्री ने बताया कि श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। अधिकृत अधिकारी के पास पंजीकरण का एक निर्धारित प्रपत्र उपलब्ध है जिसे श्रमिक द्वारा भर कर देना होगा। इसके साथ आयु 60 वर्ष से कम का प्रमाण पत्र व किसी भी ठेकेदार या नियोजक से निर्माण कार्य 90 दिन करने का प्रमाण पत्र देते ही पंजीयन कार्ड श्रमिक को दे दिया जाएगा। पंजीयन फिस 25 रुपये निर्धारित है। बैठक दौरान श्रम राज्य मंत्री ने कहा कि कौशल विकास वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसी उद्देश्य से प्रदेश की मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आरएसएलडीसी का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कौशल विकास के लिए पूर्व के 22 करोड़ के बजट को 500 करोड़ करते हुए युवाओं को कौशल विकास के मार्ग को प्रशस्त किया है। उन्होंने प्रदेश में कौशल विकास के लिए 180 केन्द्रों पर 176 कोर्स चलाते हुए 72 हजार को प्रशिक्षण प्रदान करते हुए 38 हजार को नौकरी दिए जाने की जानकारी दी और जिले में प्रशिक्षण केन्द्रों पर दिए जा रहे प्रशिक्षण की समीक्षा की। बैठक में श्रम राज्य मंत्री ने बताया कि रोजगार कार्यालयांे को कॅरियर सेंटर के रुप में विकसित किया गया है। उन्होंने जिले में रोजगार मेलों के आयोजन की जानकारी लेेते हुए निर्देशित किया कि हर मेले में जनप्रतिनिधियों को आवश्यक रुप से आमंत्रित करते हुए युवाओं को कॅरियर मार्गदर्शन प्रदान किया जावे। बैठक में श्रम राज्यमंत्री ने बताया कि कौशल विकास में राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने पर गोल्ड ट्राफी दी गई है वहीं राजस्थान के श्रम सुधारों की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई है व कई राज्यों के बाद अब केन्द्र सरकार द्वारा भी श्रम सुधारों को उसी रुप में लागू करने की तैयारी की जा रही है जो राज्य में लागू किए गए हैं।

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