अध्ययन में मातृ भाषा पर अधिक जोर दे


अध्ययन में मातृ भाषा पर अधिक जोर दे

श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि कुमुद ने कहा कि हमें पश्चिम का पूर्ण अनुकरण अपने मूल्यों को नष्ट नहीं करना चाहिये। यदि पश्चिमी आचरण का अनुसरण करेंंगे तो यह एक भयंकर विड़म्बना होगी।

 

श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि कुमुद ने कहा कि हमें पश्चिम का पूर्ण अनुकरण अपने मूल्यों को नष्ट नहीं करना चाहिये। यदि पश्चिमी आचरण का अनुसरण करेंंगे तो यह एक भयंकर विड़म्बना होगी।

वे आज पंचायती नोहरे में वृहद् धर्म सभागार में आयोजित धर्म सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि कहा कि वर्तमान में भाषा को लेकर जबर्दस्त अनिश्चितता फैली हुई है। जनता को अपने बच्चो को इंगलिश पढ़ाने का एक आवेग छाया हुआ है किन्तु वे यह नही जानते कि यदि बच्चा हिन्दी नही पढ़ेगा तो उसकी क्या दशा होगी।

उन्होनें कहा कि हम भारतीय है और मातृ भाषा हिन्दी है। हमारी संस्कृति का इतिहास भी हिन्दी साहित्य में है। भारतीय ज्ञान विज्ञान कलाएं हिन्दी साहित्य में है। आपका बच्चा यदि इंगलिश ही जानता है। तो वह इस सारे ज्ञान के खजाने सें वंचित ही रह जाएगा। मुनि जी ने कहा कि हमें पश्चिमी चाल-चलन और विधिंयों ने बहुत नुकसान पहुंचाया हैं। इससे भी बड़ा पापा यह होगा कि कि आपका बच्चा हमारी संस्कृति से कट जाएगा।

प्रवचन सभा को निर्मल मुनि जी ने सम्बोधित किया- कोमल मुनि ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन श्रावक संघ मंत्री हिम्मत बड़ाला ने किया।

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