पचास हजार से अधिक ने उठाया आरोग्य मेले का लाभ
आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग राजस्थान-सरकार के द्वारा आयोजित आरोग्य मेला, 2015 का समापन मंगलवार को टाउन हॉल प्रांगण में हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा थे। गत 14 मार्च से शुरू हुए आरोग्य मेले में दिनोंदिन अधिकाधिक ग्राम एवं नगरवासी यहां पहुंचे।
आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग राजस्थान-सरकार के द्वारा आयोजित आरोग्य मेला, 2015 का समापन मंगलवार को टाउन हॉल प्रांगण में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा थे। गत 14 मार्च से शुरू हुए आरोग्य मेले में दिनोंदिन अधिकाधिक ग्राम एवं नगरवासी यहां पहुंचे।
प्रतिदिन प्रातः 11.00 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक निरन्तर चिकित्सकांे, विशेषज्ञों की टीम परीक्षण एवं परामर्श सेवाएं देते रहे, आयुष कर्मियों के मधुर व्यवहार से आने वाले नागरिकों ने संतोष व्यक्त किया। वहीं सभी ने मेला अवधि एक सप्ताह रखे जाने का सुझाव दिया।
नोडल अधिकारी प्रो. जी.एस. इन्दौरिया ने बताया कि आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा केन्द्रों पर 6500 से अधिक महिला, पुरुष एवं बालकों ने चिकित्सा, उपचार एवं परामर्श सेवाओं को लाभ लिया। उपलब्ध औषधियां निःशुल्क वितरित की गई। मंगलवार को डॉ. आभा भटनागर, डॉ घनश्याम भट्ट, डॉ प्रेमराज मीणा आयुर्वेद एवं डॉ. नूरहसन ने यूनानी चिकित्सा परामर्श दिया वहीं होम्योपैथी में डॉ. मनीष लबाना एवं डॉ. लीला ने सेवाएं दी।
छोकरवाड़ा, भरतपुर के वयोवृद्ध चिकित्सक सुरेश चन्द्र शर्मा ने वातव्याधि एवं रक्तदोषज विकारों के लिए शिरामोक्षण कर्म किया। उपस्थित आयुष चिकित्सकों को व्याख्यान कक्ष में रक्तमोक्षण की प्रायोगिक विधि का एल.सी.डी. पर सीधा प्रसारण कर इस पद्धति की जानकारी दी। योगाभ्यास सत्र में प्रतिदिन प्रातः वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही दोपहर के सत्रों में विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आए छात्र-छात्राओं को भी आसन-प्राणायाम की जानकारी डॉ. चन्द्रभान शार्मा, डॉ. राहुल पाराशर एवं डॉ. विद्या आचार्य विशेषज्ञों ने दी।
मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की ओर से प्रदर्शित औषध पादपों के अवलोकन के साथ ही आगन्तुकों ने 16 प्रजातियों के 1500 से अधिक औषध पादप क्रय किए।
व्याख्यान सत्र –
आयुर्वेद महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. राज्यवर्द्धन सिंह राय ने आज यहां उपस्थित आयुषकर्मियों को संधिगत रोगों की आयुर्वेदीय चिकित्सा विषय पर व्याख्यान दिया, प्रो. राय ने बताया कि विदेशों में असंक्रामक व्याधियों पर आयुर्वेद चिकित्सा के प्रभाव को जानने एवं प्रयोग में लाये जाने की मांग वहां के नागरिकों द्वारा की जा रही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान युग में अस्थिसंधि विशेषकर घुटनों का दर्द महिलाओं में ज्यादा पाया जा रहा है जिसका कारण किचन में खड़े होकर भोजन बनाने की नवीन पद्धति है। लम्बे समय तक खड़े रहने से घुटनों पर पड़ने वाला दबाव इस रोग को महिलाओं में व्यापक रूप से बढ़ा रहा है जबकि यह रोग 20 वर्ष पहले पुरुषों में अधिक पाया जाता था।
चिकित्सा में प्रयुक्त गुग्गुलु, क्वाथ, वटी एवं पंचकर्मीय पद्धतियों को विस्तार से उनकी उपयोगिता के आधार पर आयुषकर्मियों को बताया। व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा ने की। इसी सत्र में एम.पी. खूंटेटा हाम्योपैथी कॉलेज, जयपुर के पूर्व प्राचार्य डॉ. जे.डी. दरियानी ने जराजन्य व्याधियों का होम्योपैथी उपचार पर व्याख्यान दिया।
आयुर्वेद विभाग के निदेशक मो. यासीन पठान ने बताया कि आरोग्य मेले में पचास हजार से अधिक बाल, वृद्ध, महिला एवं पुरुषों ने आयुष सेवाओं का अवलोकन किया एवं चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाया। मेले में ग्रीन फार्मेसी उत्पादकों के 51 स्टॉल विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों की ओर से लगाये गए। औषध अनुज्ञापन अधिकारी प्रो. महेश दीक्षित ने बताया कि सभी निर्माता कम्पनियां रजिस्टर्ड एवं प्रामाणिक औषध निर्माता थे।
आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ. मनोहरलाल धाकड़ ने बताया कि आरोग्य मेला व्यवस्थार्थ 150 से अधिक अधिकारियों, कर्मचारियों को व्यवस्थार्थ लगाया गया था। साथ ही प्रतिदिन अलग-अलग चिकित्सालयों से 150-150 चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टॉफ को उनके कौशल अभिवर्धन हेतु आरोग्य मेले में बुलाया गया जिन्होंने मेला परिसर में उपस्थित रहकर विशिष्ट व्याख्यान, हर्बल उत्पाद, विशिष्ट चिकित्सा विधाएं, योग प्राकृतिक एवं मेडिसिनल प्लांट्स की जानकारी प्राप्त कर अपने ज्ञान को बढ़ाया।
मेले के समापन पश्चात भी अनेक महिला-पुरुष परामर्श लेने पहंुचते रहे। उन्हें आयुर्वेद कॉलेज चिकित्सालय, मोतीचौहट्टा एवं अम्बामाता स्थित चिकित्सालय एवं नगर के आयुर्वेद चिकित्सा केन्द्रों पर जिनमें सिन्धीबाजार औषधालय, आयड़ एवं सुन्दरवास के साथ प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र भट्टियानी चौहट्टा पहुंचकर चिकित्सा सेवाएं लेने का परामर्श दिया।
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