हिन्दुस्तान जिंक एवं सीटीएई के बीच खनन क्षेत्र में योग्य छात्रों को नये अवसर के लिए एमओयू


हिन्दुस्तान जिंक एवं सीटीएई के बीच खनन क्षेत्र में योग्य छात्रों को नये अवसर के लिए एमओयू

हिन्दुस्तान जिंक और महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नोलॉजी (एमपीयूएटी) के सीटीएई द्वारा उद्योग एवं शैक्षिक साझेदारी के माध्यम से

 
हिन्दुस्तान जिंक एवं सीटीएई के बीच खनन क्षेत्र में योग्य छात्रों को नये अवसर के लिए एमओयू

हिन्दुस्तान जिंक और महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नोलॉजी (एमपीयूएटी) के सीटीएई द्वारा उद्योग एवं शैक्षिक साझेदारी के माध्यम से खनन क्षेत्र के श्रेष्ठ और योग्य छात्रो को अब नये अवसर प्रदान होगें, जिसके लिये एमपी यूएटी के उपकुलपति कार्यालय में दोनो पक्षो के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।

हिन्दुस्तान जिंक की ओर से मुख्य प्रचालन अधिकारी माईन्स लक्ष्मण सिंह शेखावत , उपाध्यक्ष एच.आर. दिलीप पटनायक एवं एमपीयूएटी की ओर से उपकुलपति प्रोफेसर यू.एस. शर्मा और सीटीएई के डीन डा. एस.एस. राठौड़ ने सोमवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर उपकुलपति यूएस शर्मा ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक एवं सीटीएई के एमओयू से खनन विषय के छात्रों को लाभ मिलेगा। विगत दो वर्षो से हिन्दुस्तान ज़िंक द्वारा इस क्षेत्र के श्रेष्ठ विद्यार्थियों को पचास हजार रूपये कि स्कालरशिप दी जा रही है। एमओयू के माध्यम से छात्र उस क्षेत्र में दक्ष होगें जिसकी आवश्यकता वर्तमान में खनन तकनीक में उपयोगी है।

इस अवसर हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्य प्रचालन अधिकारी माईन्स लक्ष्मण सिंह शेखावत ने कहा कि देश के विकास में जीडीपी को 7 प्रतिशत तक लाने के लिये माईनिंग क्षेत्र में उन्नति और आधुनिक तकनीक की महत्ती आवश्यकता है। एमओयू के माध्यम से हिन्दुस्तान ज़िंक एंव सीटीएई के छात्रों को एक दूसरे की आवश्यकता अनुरूप प्रतिभा एवं अवसर प्राप्त होगें।

हिन्दुस्तान ज़िंक के हेड कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि इस एमओयू का उद्धेश्य उद्योग व अकादमिक भागीदारी को मजबूत करना है जिसमें सीटीएई द्वारा आयोजित तकनिकी सम्मेलन, सेमिनार या संगोष्ठी में हिन्दुस्तान जिंक की भागीदारी होगी, साथ ही हिन्दुस्तान जिंक में कार्यरत वरिष्ठ तकनिकी क्षेत्र के विशेषज्ञ सीटीएई के खनन विषय के छात्रों को अतिथी संकाय के रूप में जा कर विशेष जानकारी देगें। सीटीएई के अनुरोध पर हिन्दुस्तान जिंक खनन क्षेत्र के व्याख्याताओं एवं छात्रों को अपने खदानों एवं स्मेल्टिंग ईकाईयों में प्रोजेक्ट हेतु अनुमति भी देगा।

पांच वर्षो के लिये किये गये इस एमओयू के अनुसार सीटीएई के पाठ्यक्रम को तय करने में हिन्दुस्तान जिंक की भागीदारी होगी। हिन्दुस्तान जिंक के तकनिकी विशेषज्ञों द्वारा दिये गये खनन क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को सीटीएई अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेगा।

हिन्दुस्तान जिंक खनन क्षेत्र में अध्ययनरत विद्यार्थियों को तीसरे सेमेस्टर में चयनित कर उन्हें इंटर्नशिप, स्कोलरशिप, इण्डस्ट्री एक्सपोजर के साथ ही पांचवें सेमेस्टर में कंपनी के मूल्यांकन एवं मापदण्डों के आधार पर रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ या अनुभवी माईनिंग इंजिनियर को सीटीएई में चेयर प्रोफेसर के रूप में रखा जाएगा जो कि छात्रों को खनन क्षेत्र की सर्वोत्तम एवं आधुनिक तकनीक की जानकारी देगा। एमओयू हस्ताक्षर के अवसर पर रजिस्ट्रार प्रियंका जोधावत, प्रशासनिक अधिकारी दिलीप शर्मा, हिन्दुस्तान जिंक के सह-उपाध्यक्ष एचआर संजय शर्मा सहित एमपीयूटी एवं सीटीएई के विभागाध्यक्ष मौजूद थे।

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