geetanjali-udaipurtimes

MPUAT में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया

उदयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी
 | 

उदयपुर 18 दिसंबर 2025। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MPUAT) में कर्मचारियों की भविष्य निधि (EPF) से जुड़ा बड़ा वित्तीय मामला सामने आया है। आरोप है कि EPF की करीब 9 करोड़ रुपये की राशि की फिक्स्ड डिपॉजिट को बिना अनुमति तुड़वाकर बचत खातों में जमा कराया गया, जिससे ब्याज के रूप में विश्वविद्यालय को भारी नुकसान हुआ। इस पूरे मामले पर राज्य सरकार के ऑडिट विभाग की टीम ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

उदयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष फतह सिंह राठौड़ ने इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एजी ऑडिट टीम ने MPUAT के कोष कार्यालय की कैश बुक और उससे संबंधित बैंक खातों की अप्रैल 2024 से मार्च 2025 की अवधि की जांच की। जांच में सामने आया कि कैश बुक में दर्ज बैलेंस राशि और उससे संबंधित बैंक खातों के स्टेटमेंट में दर्ज बैलेंस में करीब 10 करोड़ 17 लाख 20 हजार 27 रुपये का अंतर पाया गया। ऑडिट टीम ने इस अंतर को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।

राठौड़ ने बताया कि इसी अवधि में वित्त नियंत्रक की जांच में यह भी सामने आया कि कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारी भविष्य निधि की 9 करोड़ 99 लाख 50 हजार रुपये की राशि की दो फिक्स्ड डिपॉजिट बिना सक्षम स्वीकृति के तुड़वाकर अन्य बैंकों के बचत खातों में जमा कराई गई। इस प्रक्रिया के कारण ब्याज का बड़ा नुकसान हुआ।

एजी ऑडिट टीम द्वारा कैश बुक और बैंक खातों में दस करोड़ से अधिक की राशि के अंतर का मिलान समय पर नहीं करने पर वित्त नियंत्रक दर्शना गुप्ता ने आगामी आदेशों तक दिनेश सुखवाल को कोषाधिकारी पद पर कार्य करने के निर्देश दिए। वहीं लोकेश कुमार यादव को बैंक खातों और कैश बुक का रिकंसीलिएशन करने तथा विश्वविद्यालय की सभी फिक्स्ड डिपॉजिट से संबंधित सूचना व अभिलेख संधारित कर प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।

प्रेस वार्ता में राठौड़ ने डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी कॉलेज से जुड़े अन्य मामलों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कॉलेज के डीन डॉ. लोकेश गुप्ता को विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार द्वारा अनियमित भुगतान राशि की रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन पौने चार साल बीत जाने के बाद भी वसूली नहीं की गई। इसके अलावा मेन पावर सप्लाई एजेंसी मेसर्स दीप इंटरप्राइजेज के माध्यम से कार्यरत छह संविदा टेक्निकल असिस्टेंट के भुगतान में भी अनियमितता सामने आई है। साथ ही टेंडर प्रक्रिया अपनाए बिना सीधे खरीद कर वित्तीय अनियमितता किए जाने का भी आरोप लगाया गया।

इन आरोपों पर डेयरी कॉलेज के डीन डॉ. लोकेश गुप्ता का कहना है कि जानबूझकर उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं आरोपी कोषाधिकारी लोकेश कुमार यादव ने कहा कि उनके कार्यकाल में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।

#UdaipurNews #MPUAT #RajasthanNews #UdaipurPolitics #MPUATScam #RajasthanCongress #UdaipurUpdates #MPUATAudit