पुष्कर मुनि की 105वीं जयन्ती पर हुई गुणानुवाद सभा


पुष्कर मुनि की 105वीं जयन्ती पर हुई गुणानुवाद सभा

साधना के शिखर पुरूष उपाध्याय पुष्कर मुनि को आज भी नवकार मंत्र के आराधक तथा निर्मल,शुद्ध एवं वात्सल्य भावों से ओत-प्रोत साधक के रूप में याद किया जाता है।

 

पुष्कर मुनि की 105वीं जयन्ती पर हुई गुणानुवाद सभा

साधना के शिखर पुरूष उपाध्याय पुष्कर मुनि को आज भी नवकार मंत्र के आराधक तथा निर्मल,शुद्ध एवं वात्सल्य भावों से ओत-प्रोत साधक के रूप में याद किया जाता है। उनके जीवन की गहराई को नापना मुश्किल कार्य है। उन्होंने अपने जीवन में कहीं अग्रता एवं उत्ताप को स्थान नहीं दिया और यहीं कारण है कि वे आज भी मानवता के मसीहा के रूप में याद किया जाता है।

उक्त विचार श्री वद्र्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा पंचायती नोहरे में श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि,महाश्रमण प्रवर्तक मदन मुनि महाराज आदि ठाणा तथा महासती के सानिध्य में पुष्कर मुनि की 105 वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित जप,तप,गुणानुवाद सभा में ऊभर कर सामने आयें।

सौभाग्य मुनि महाराज ने कहा कि पुष्कर मुनि का जीवन समुद्र की भंाति था। गहरे सरोवर में डूबकी लगाने पर ही जिस प्रकार मोती मिलते है ठीक उसी प्रकार पुष्करमुनि के जीवन में डूबकी लगाकर ज्ञान रूपी मोती प्राप्त कर सकते है। संतो का जीवन सागर की तरह गहरा एंव गंभीर होता है। उनसे मिलने वाले मोती से अपने जीवन का श्रृंगार कर सकते है।

उन्होंने कहा कि अनेक व्यक्ति अर्थ, भोग एवं यश परक तो बुद्धिजन व्यक्ति धर्मपरक होते है। धर्मपरक व्यक्तियों के व्यवहार में व्यावहारिकता दिखाई देती है। अध्यात्म परक व्यक्ति की वाणी से फूल खिलते है। इस अवसर पर महाश्रमण प्रवर्तक मदन मुनि महाराज ने कहा कि पुष्कर मुनि ज्योतिपुंज के समान थे। उनके आचरण को यदि हम अपने जीवन में उतारेंगे तो उनकी जयन्ती मनाना सार्थक होगा।

महापौर रजनी डांगी ने कहा कि संतो का जीवन करने से गुणगान करने से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। संतो की सच्ची साधना की प्रवृत्ति से हम लाभान्वित होते है और उन्हीं के आशीर्वाद से जैनत्व गुणों का प्रभाव दिखाई देता है। जिला प्रमुख मधु मेहता ने कहा कि प्रत्येक मानव जीवन के ह्दय में विराजमान थे। अंहिसा, सत्य व मैत्री के पूजक थे।

इन्होनें भी सभा को किया संबोधित- गुणानुवाद सभा को महासती विनयप्रभा आदि ठाणा, संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र डंागी, मानसिंह रांका,ओंकारसिंह सिरोया, कन्हैयालाल मेहता,शंकरलाल डांगी, संजय भण्डारी, रमेश खोखावत, नरेन्द्र सेठिया, अंबालाल नवलखा, श्यामलाल झगड़ावत, नरेन्द्र डांगी,हिम्मत कोठीफोड़ा, दिनेश सेठिया, हिम्मतसिंह बड़ाला, ममता रांका,सुनन्दा बापना ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर गत दिनों जैन तत्व प्रकाश विषय पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को श्रीमती रजनी डंागी एंव मधु मेहता ने पुरूस्कृत किया। कार्यकम का संचालन संघ के महामंत्री हिम्मतसिंह बड़ाला ने किया।

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