सुरों के जादू की झप्पी से झूम उठे संगीतप्रेमी
तीन दिन के लिए विश्व संगीत की राजधानी बने उदयपुर के गांधी ग्राउंड में रविवार को सहर द्वारा परिकल्पित एवं निर्देशित उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल का कई नायाब और यादगार प्रस्तुतियों के साथ रंगारंग समापन हुआ। बडी संख्या में मौजूद संगीत प्रेमियों ने दुनियाभर से आए कलाकारों को शानदार विदाई दी।
तीन दिन के लिए विश्व संगीत की राजधानी बने उदयपुर के गांधी ग्राउंड में रविवार को सहर द्वारा परिकल्पित एवं निर्देशित उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल का कई नायाब और यादगार प्रस्तुतियों के साथ रंगारंग समापन हुआ। बडी संख्या में मौजूद संगीत प्रेमियों ने दुनियाभर से आए कलाकारों को शानदार विदाई दी।
टीआरसी के नाम से मशहूर फिलिपिंस के इंडी लोक बैंड रैनसम कलेक्टिव जिसमें कीयन रैनसम ने वोकल और गिटार, जर्मेन चो पेक ने वोकल के साथ फयूशन, लिली ने कीबोर्ड और म्यूरील गोंजालेस ने वायलिन, लीह हैलिली ने बास और रेडड क्लाउडियो ने ड्रम पर जब संगत कर उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल के अंतिम दिन की शाम में सुर छेडे तो लोग झूम उठे। पहली प्रस्तुति इट्स बीन सो लाँग व उसके बाद लेट्स वन ओ वे पर दर्शकों से संवाद करते हुए ताल-से ताल मिलाई। व्हेन विल फॉलो ने ठेठ देहाती धुनों के साथ आधुनिक धुनों के संगम की बानगी दिखाई। बैंड ने अपना आत्म शीर्षक गीत ईपी, हिट सिंगल्स ‘फूल्स, सैटल और ओपन रोड से शाम को और भी हसीन बना दिया।
इसके बाद इजराइल के अंडरग्राउंड बीट पॉप जैज, फ्यूजन बैंड बटरिंग ट्रायो ने मन को सुकून और मीठा कर देने वाला संगीत सुनाया। आई जस्ट कीप, कम से विद मी, आई कॉल टू यू, क्लोज योर आई, यू शुड कॉल मी गीतों ने संगीत प्रेमियों को नई ऊर्जा से भर दिया। रिजॉइसर, बेनो और केरेनडुन ने सैक्सोफोन, स्वर, सिन्थ्स और बास के मिश्रण से संगीत प्रेमियों को सुरों से चेतन कर दिया। उनकी अब तक अनसुनी धुनों से गांधी ग्राउंड पर संगीत की ऐसी लहर उठी कि जो जहां था, वहीं कदम उठा कर झूमने लग गया।
तीसरी प्रस्तुति आनंद भास्कर कलेक्टिव की थी जिसमें गायक और गीतकार आनंद भास्कर ने भारतीय शास्त्रीय और रॉक का संगम जब प्रस्तुत किया तो दिल को छू गया। आनंद ने प्रस्तुतियों की शुरुआत तेरे बिना .. अब तूं मान जा मेरी कातिल हसीना से की। इसके बाद, मल्हार, कबसे प्यासे मोरे नैना, काहे लूटे मोरा चेना मोरी राधे..सुनाया तो मस्त कलंदर सा समां बंध गया। भास्कर के पावर-पैक प्रदर्शन‘एक हो गए हम और तुम, तो उड गई नींदे रे..हम्मा-हम्मा-हम्मा पर संगीतप्रेमी नाच उठे। उन्होंने गिटार पर चंदन रैना, बास पर नीलकांत पटेल, ड्रम पर शिशिर ठाकुर और वायलिन पर अजय जयंती के साथ ‘कान्हा, राधे, तेरे बिना, फना, मेरा सफर, इंट्रो, फासले, एक्सक्यूज-मी, कलेक्वि सांग गाना जैसे एलबम गीत की प्रस्तुतियां दीं।
वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल की अंतिम प्रस्तुति स्पेन के चेरेंगो बैंड की रही इसमें अलग्वेर मिकेल ने वोकल, मार्सेल लजारा, उर्फ टिटो ने वोकल व गिटार, सर्गी कार्बोनेल-हिपी ने की-बोर्ड, जोकोम नहर ने ड्रम,एलेक्स पुजोल ने बास व गिटार जैसे वाद्य यंत्र पॉ प्यूग पर्कयूशन, इवान लोपेज ने सैक्सोफोन और जॉर्डी बर्नोला ने तुरही पर प्रस्तुतियां देकर शाम को यादगार बना दिया। डबस्टेप, लैटिन संगीत, पॉप,जमैकन संगीत, रॉक बीट्स से समां बांध दिया।
फेस्टिवल के निदेशक सहर संस्थान के संजीव भार्गव ने बताया कि हिंदुस्तान जिंक, राजस्थान टूरिज्म और वंडर सीमेंट के साझे में सम्पन्न हुए इस त्रिदिवसीय उदयपुर वर्ल्ड म्युजिक फेस्टिवल में तीनों ही दिन संगीतप्रेमियों का सैलाब आयोजन स्थल आमेट की हवेली, अमराई घाट, फतहसागर की पाल और गांधी ग्राउंड पर उमडता रहा। रविवार को समापन पर गांधी ग्राउंड पर शाम 6 बजे से ही संगीतप्रेमियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया और जिसे जहां जगह मिली, वहीं पर बैठकर या खडे होकर कार्यक्रम का लुत्फ उठाया।
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