उच्च शिक्षा: लक्ष्य और चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन संपन्न


उच्च शिक्षा: लक्ष्य और चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन संपन्न

सेंटर फॉर एक्सीलेंस, मॉडल कॉलेज के तत्त्वाधान में राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय में शुक्रवार को "उच्च शिक्षा: लक्ष्य और चुनौतियां" विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया गया।

 

उच्च शिक्षा: लक्ष्य और चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन संपन्न

सेंटर फॉर एक्सीलेंस, मॉडल कॉलेज के तत्त्वाधान में राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय में शुक्रवार को “उच्च शिक्षा: लक्ष्य और चुनौतियां” विषय पर राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया गया।

सम्मलेन के उदघाटन सत्र का शुभारम्भ मुख्य अतिथि माननीय सांसद अर्जुन लाल मीणा, विशिष्ट अतिथि सुविवि कुलपति प्रो. आई, वी. त्रिवेदी, जे. आर. ऍन. विद्यापीठ यूनिवर्सिटी के प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत, सह निदेशक, कॉलेज शिक्षा निदेशालय श्री नारायण लाल जोशी ने किया. उदघाटन सत्र के मुख्य वक्ता गुजरात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.ऍन. पटेल ने कहा की वोकेशन आधारित विषयों के अतिरिक्त शिक्षा को मूल्यपरक भी होना चाहिए।

सम्मलेन संयोजक डॉ आशा वाजपेयी नै बताया की दो तकनिकी सत्रों में ८० शोध पत्र वाचन हुए और तृतीय तकनिकी सत्र में 20 पोस्टर प्रदर्शन द्वारा विभिन्न महाविद्यालयों और विश्विद्यालयों से आये हुए प्रतिनिधियों ने उच्च शिक्षा में आ रही चुनौतियों और उनके समाधान विषय पर अपने शोध निष्कर्षो को रखा।

सम्मलेन के अंत में पैनल डिस्कशन रखा गया जिसमे विषय विशेषज्ञों द्वारा अपनी बात रखी गयी. डिस्कशन में विशेषज्ञ प्रो विजयलक्ष्मी चौहान ने शिक्षा को मानवीय सम्बन्धो से जोड़ने पर बल दिया और कहा की उच्च शिक्षा की मुख्य भूमिका केवल डिग्री पाने तक समाप्त ना हो कर विषय को पूर्ण रूप से सीखने में होनी चाहिए।

मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के पैट्रन श्री एम. एस.कृष्णावत जी ने कहा की हमें मानवीयता के आधार पर विद्यार्थियों को शिक्षित करने के प्रयास करने होंगे जैसे विदेशों में शुरू हो चुके हैं और शिक्षा के राजनीतिकरण को भी रोकना होगा. डिस्कशन में कॉलेज शिक्षा निदेशालय से पधारे सयुंक्त निदेशक डॉ अनूप श्रीवास्तव ने कहा की शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मानव को वास्तविक मानव बनाने से लेकर विद्यार्थियों में रोजगार दिलाने की क्षमता भी विकसित करना है।

पेसिफिक यूनिवर्सिटी से पधारे प्रो. बी. पी. शर्मा ने कहा की २०३० में विश्व में सवार्धिक युवा जनसँख्या भारत के पास होगी तब विश्व में ज्ञान आधारित सेक्टर में काफी रिक्त पद होंगे जिसके लिए शिक्षक वर्तमान से प्रयास करें तो भारत का भविष्य सुनहरा हो सकता है।

समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड चेयरमैन प्रो. बी. एल. चौधरी ने कहा की समाज में शिक्षकों के सम्मान को पुनर्स्थापित करने के लिए स्वयं शिक्षकों को प्रयास करना होगा।

उन्होंने कहा की अगर शिक्षक स्वयं की जिम्मेदारी पूर्ण निष्ठा के साथ निभाएंगे तो शिक्षा का स्तर स्वतः सुधर जाएगा. कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ मिलाप चंद जैन और द्वय उपाचार्य डॉ रामेश्वर आमेटा और डॉ मंजू चतुर्वेदी भी उपस्थित थे. अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ आभा गुप्ता ने दिया। समापन समारोह का सञ्चालन डॉ प्रियंवदा तिलक ने किया।

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