पर्यावरण संरक्षण पर राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सभागृह में कम्प्यूटेशनल और प्राकृतिक विज्ञान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न हुआ| इस अवसर पर पद्मभूषण एवं रमन मेगसेसे से पुरस्कृत चंडी प्रसाद भट्ट ने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता के विज्ञान पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को लाभान्वित किया|
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सभागृह में कम्प्यूटेशनल और प्राकृतिक विज्ञान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न हुआ| इस अवसर पर पद्मभूषण एवं रमन मेगसेसे से पुरस्कृत चंडी प्रसाद भट्ट ने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता के विज्ञान पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को लाभान्वित किया|
उन्होंने हिमालय के पर्यावरण के सरंक्षण एवं विकास को उनके द्वारा प्रारम्भ किये गए चिपको आन्दोलन के अनुभवों से बताया| उत्तराखण्ड की संस्कृति, उनका रहन-सहन, भूकंप से बचने के लिए मकान बनाने के विज्ञान, वृक्ष काटने से प्राकृतिक संपदा को होने वाली हानि को बताते हुए चंडी प्रसाद भट्ट ने किस तरह घर घर में वृक्ष और पर्यावरण सरंक्षण की क्रांति पैदा की गयी, पर प्रकाश डाला|
जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने चंडी प्रसाद भट्ट का परिचय दिया| उन्होंने ग्रीन कम्प्यूटिंग के महत्त्व को बताते हुए पर्यावरण सरंक्षण के उपायों को समझाया| उन्होंने कहा कि कंप्यूटर के द्वारा हो रही पर्यावरण को हानि को रोकने के लिए एवं इसकी जागरूकता के लिए और भी उचित कदम उठाये जाने चाहिए ताकि प्रत्येक व्यक्ति पर्यावरण सरंक्षण से जुड़ सके|
कंप्यूटर एवं सूचना तकनीकी विभाग के निदेशक डॉ. मनीष श्रीमाली ने स्वागत एवं धन्यवाद की रस्म अदा की| संचालन प्रदीप सिंह शक्तावत ने किया| इस अवसर पर डॉ. हरीश शर्मा, डॉ. हिना खान, डॉ. दिलीप सिंह चौहान, चंद्रेश छतलानी, डॉ. भारत सिंह देवड़ा, नीरू राठौड़, भगवती लाल श्रीमाली, दिनेश चन्द श्रीमली आदि उपस्थित थे|
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