अंग्रेजी भाषा में सम्प्रेषण कौशल के विविध आयामों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रारंभ
“भाषा मुक्त भी करती है और गुलाम भी बनाती है। भाषा सत्य का उद्घाटन भी करती है और तथ्यों को छुपाने का काम भी करती है। अतः भाषा पर अधिकार सच्चे अर्थों में सशक्तिकरण का माध्यम है। किसी भी राष्ट्र व
“भाषा मुक्त भी करती है और गुलाम भी बनाती है। भाषा सत्य का उद्घाटन भी करती है और तथ्यों को छुपाने का काम भी करती है। अतः भाषा पर अधिकार सच्चे अर्थों में सशक्तिकरण का माध्यम है। किसी भी राष्ट्र व समाज के निर्माण में भाषा की भूमिका अहम् होती है”।
उक्त विचार जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा अंग्रेजी में संप्रेषण कौशल के विविध आयामों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी व कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय द्वारा स्थापित संकेत भाषा संस्थान के निदेषक प्रो.पी.आर. रामानुजम ने व्यक्त किए।
संगोष्ठी निदेशक व विभागाध्यक्ष डॉ. मुक्ता शर्मा ने बताया कि मुख्य वक्ता डॉ. तारारत्नम ने कहा कि अंग्रेजी भाषा शिक्षण में अनेक प्रविधिगत समस्याए है। अध्यापक अपनी प्रविधि को परिवर्तन नहीं करना चाहते। उनको अपना एकाधिकार छोड़ कर विद्यार्थियों के बीच अन्तःक्रिया करने के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। न सिर्फ भाषागत ज्ञान बल्कि विचार के स्तर पर भी व्यापक स्तर पर सुधार की आवश्यकता है।
आयोजन सचिव डॉ. शारदा वी. भट्ट ने बताया कि विशिष्ठ अतिथि डॉ. सुदर्शन ने कहा कि भारत जैसे देश में सफलता के लिए अंग्रेजी पर अधिकार होना आवष्यक है। विद्यालय स्तर पर भाषा षिक्षण में आमूलचुल परिवर्तन की आवश्यकता है।
इन्द्रागांधी मुक्त विष्वविद्यालय ने ऐसी पाठ्यसामग्री तैयार की है जो अत्यंत कम मूल्य पर विद्यार्थियों को अंग्रेजी शिक्षण के लिए आवश्यक सामग्री उलब्ध कराती है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि राष्ट्र व समाज की उन्नति एवं प्रगति में व्यक्ति के साथ भाषा की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है यो व्यक्ति एवं समाज एक दूसरे के पूरक है। भाषा के द्वारा ही व्यक्ति की पहचान होती है।
सेमीनार में डीन डॉ. सुमन पामेचा, प्रो. हेमेन्द्र चण्डालिया, डॉ. जेम्स मेयर्स, डॉ. रेखा तिवारी, डॉ. मनीषा शेखावत, डॉ. मीनाक्षी जैन डॉ. अनिल पालीवाल, डॉ. नफीसा हातिम, गौतम शर्मा, डॉ. अर्पित कोठारी, सुभाष झा ने अपने विचार व्यक्त किए। समारोह का संचालन महजबीन सादड़ी वाला ने किया धन्यवाद प्रीति शर्मा ने दिया।
आयोजन सचिव डॉ. शारदा वी भट् ने बताया कि दो समानान्तर तकनीकी सत्रों में 43 शोध पत्रों का वाचन किया गया।
प्रेस नोट
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