पोकरण परमाणु परीक्षण की स्मृति में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस


पोकरण परमाणु परीक्षण की स्मृति में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

विज्ञान समिति द्वारा प्रतिवर्ष 11 मई को पोकरण परमाणु परीक्षण की स्मृति में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किया जाता रहा है।

 

विज्ञान समिति द्वारा प्रतिवर्ष 11 मई को पोकरण परमाणु परीक्षण की स्मृति में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किया जाता रहा है।

इस वर्ष यह आयोजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजिनियर्स (इण्डिया) लोकल चेप्टर, उदयपुर एवं माईनिंग इंजीनियर एसोसिएशन, राजस्थान चेप्टर उदयपुर के साथ साथ महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय, प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के सहयोग से सम्पन्न हुआ।

विज्ञान समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. एल.एल. धाकड़ ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का उद्घाटन इंजी. ए.एस. चुंडावत अध्यक्ष इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजिनियर्स(इंडिया)लोकल सेन्टर, उदयपुर ने किया और प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि नवीन प्रौद्योगिकियों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदर्शनी एक सशक्त माध्यम है और इसके द्वारा आम जनता तक नवीनतम प्रौद्योगिकियों को पहुंचा सकते हैं।

दर्शकगण इस प्रदर्शनी में रखे गए सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा एवं बायो गैस तकनीक के साथ प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रदर्शित कृषि प्रौद्योगिकी से बहुत प्रभावित हुए।

मूल्यांकन समिति द्वारा किये गये निर्णय अनुसार कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय की गैर पारम्परिक उर्जा प्रदर्शनी प्रथम, प्रसार शिक्षा निदेशालय महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय की कृषि प्रदर्शनी द्वितीय एवं सोनी गृह उद्योग तृतीय रहे।

संगोष्ठी ंके प्रारम्भ में विज्ञान समिति संस्थापक डॉ. ंके.एल. कोठारी ने सभी का स्वागत किया। द इंस्टिट्यूट ऑफ इंजिनियर्स(इण्डिया) उदयपुर ंके अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि इंजी.ए.एस. चुंडावत ने प्रौद्योगिकी दिवस ंके महत्व पर प्रकाश डाला।

संगोष्ठी ंके मुख्य अतिथि एवं वक्ता इंजी. इब्राहिम अली ने ‘‘परियोजना क्रियान्विति में समय एवं मूल्य की बचत हेतु प्रौद्योगिकी का योगदान’’ विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि वही विकसित राष्ट्र है जो अपने नागरिकों की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति में सक्षम है। देश के संसाधनों का प्रौद्योगिकी के दक्ष उपयोग से विकास किया जा सकता है।

परियोजना के नियोजन तथा क्रियान्वयन के स्तर पर प्रौद्योगिकी समावेशन इस प्रकार हो कि लागत एवं समय की बचत की जा सके। संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के श्री मनीष जैन ने इस प्रसंग पर अपने विचार व्यक्त किए।

इसी क्रम में समारोह के अध्यक्ष इंजी. डी.एस. मारू निदेशक-खान एवं भू विज्ञान विभाग, राजस्थान ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से दक्ष खनिज दोहन से ही राज्य एवं देश का दूरगामी विकास संभव है। इसी संगोष्ठी में नवीन प्रौद्योगिकियों ंके विकास एवं प्रसार क्षेत्र में समर्पित वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अनिल कोठारी एवं राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर के उद्यान विभाग के प्रो. राम अवतार कौशिक का उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया ।

संगोष्ठी के प्रारम्भ में आयोजित प्रश्नोत्तरी में विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

संगोष्ठी का संचालन डॉ के.पी. तलेसरा एवं प्रकाश तातेड़ ने किया तथा आभार माईनिंग इंजीनियर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंजी एस.एस. राठौड़ ने व्यक्त किया । कार्यक्रम राष्ट्रगान ंके साथ समाप्त हुआ।

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