व्यक्ति की प्रतिभा को उभारने की जरूरत: चपलोत


व्यक्ति की प्रतिभा को उभारने की जरूरत: चपलोत

चार्टर्ड अकाउंटेंट ओपी चपलोत ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई प्रतिभा होती है। जरूरत है तो बस उसे आगे लाकर निखारने और मंच प्रदान करने की जिसे जैन सोश्यल ग्रुप उमंग जैसे संस्थान पूरा करते हैं। अगर निरंतर ऐसा होता रहा तो हम देखेंगे कि यहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं। वे […]

 

व्यक्ति की प्रतिभा को उभारने की जरूरत: चपलोत

चार्टर्ड अकाउंटेंट ओपी चपलोत ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई प्रतिभा होती है। जरूरत है तो बस उसे आगे लाकर निखारने और मंच प्रदान करने की जिसे जैन सोश्यल ग्रुप उमंग जैसे संस्थान पूरा करते हैं। अगर निरंतर ऐसा होता रहा तो हम देखेंगे कि यहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं।

वे योग सेवा समिति परिसर में संगिनी जैन सोश्यल ग्रुप उमंग के पहले स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजनों का विशेष सम्मान किया गया।

विशिष्ट अतिथि जेएसजी के जोन कॉर्डिनेटर आरसी मेहता ने कहा कि समय की पाबंदी जीवन में जरूरी है। कार्यक्रम समय पर शुरू करने से पूर्व सदस्य संख्या को ध्यान में नही रखना चाहिये। उसे समय पर ही शुरू करना चाहिये। उन्होंने कहां खो गए संयुक्त परिवार के साझे चूल्हे का वाक्य उद्धृत करते हुए कहा कि आज हमें इस पर बहुत सोचने विचारने की जरूरत है। सभी की अपनी व्यक्तिगत फैमिली होती जा रही है। क्यों हम संयुक्त परिवार से दूर होते जा रहे हैं?

संगिनी जेएसजी उमंग की अध्यक्ष प्रेम दक ने अपना वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि गत एक वर्ष में गीत-संगीत, धार्मिक हाउजी जैसे विविध आयोजन किए गए। आगामी वर्ष में फैशन शो, सेवा कार्य, मेला आयोजन, तोल मोल के बोल सहित विविध कार्यक्रम कराए जाएंगे।

संगिनी जेएसजी उमंग के संस्थापक सुंदरलाल दक ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि इसकी स्थापना का उद्देष्य सदस्यों को एक पारिवारिक माहौल देना था जिसमें हम सफल हुए हैं। संयुक्त परिवारों की अवधारणा से दूर हो रहे लोगों को एक संयुक्त परिवार का माहौल देना ही हमारा लक्ष्य है।

कार्यक्रम में 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजनों मगनबाई पोरवाल, हरिसिंह सुराणा, कंचनदेवी मेहता एवं दयालाल चव्हाण का मेवाड़ी पगड़ी पहना, उपरणा ओढ़ा माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। 52 बार रक्तदान करने और 84 बार सम्मानित होने पर दिनेश चोरडिया का भी सम्मान किया गया। कुणाल पोखरना ने गिटार पर नए और पुराने गीतों की मिश्रित प्रस्तुतियां दी वहीं बालिका अंतरा कविटकर ने अपनी सुमधुर आवाज में लोगों को लुभाया।

तिथि बोहरा, रेखा जैन, विजयलक्ष्मी मेहता, शशि चव्हाण, दिलीप सुराणा, पन्ना कारिया व संगिनी की सदस्याओं की आकर्षक प्रस्तुतियों पर खूब तालियंा बजी। आभार शारदा तलेसरा ने व्यक्त किया। संचालन चन्द्रा ने किया।

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