राजस्थान विद्यापीठ में नये पाठ्यक्रम इसी वर्ष से – प्रो. सारंगदेवोत
जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि विश्वविद्यालय में नवीन सत्र से संस्थापक मनीषी पं. जनार्दनराय नागर द्वारा लिखित प्रसिद्ध गं्रथ शंकराचार्य तथा राम राज्य के एक एक अध्याय छात्रों को च्वाइस आधारित क्रेडिट प्रणाली के अन्तर्गत पढ़ने का अवसर मिलेगा।
जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि विश्वविद्यालय में नवीन सत्र से संस्थापक मनीषी पं. जनार्दनराय नागर द्वारा लिखित प्रसिद्ध गं्रथ शंकराचार्य तथा राम राज्य के एक एक अध्याय छात्रों को च्वाइस आधारित क्रेडिट प्रणाली के अन्तर्गत पढ़ने का अवसर मिलेगा।
विदेशी छात्रों के लिए एक सप्ताह, दो सप्ताह, तीन सप्ताह, या एक माह से तीन माह तक के सर्टिफिकेट कोर्स भारतीय सभ्यता व संस्कृति में जो विश्वास रखते है उनके लिए राजस्थान का इतिहास व संस्कृति पुरातत्व, योगा को नवीन कोर्स शुरू किए जायेंगे। साथ ही तीन वर्षीय होटल मैनेजमेंट एण्ड केटरिंग, ज्योतिष विज्ञान में मास्टर डिग्री तथा तीन महीने का हस्ता रेखा कोर्स चार वर्षीय बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स, शुरू किया जायेगा।
इसके अलावा विद्यापीठ में इसी सत्र से फिजियोथेरेपी में रूचि रखने वाले विद्यार्थी के लिए पीएचडी शुरू की जायेगी। यूजीसी नियमों के अनुसार छात्रों के लिए डीलिट उपाधि कोर्स प्रारंभ किया जायेगा। यूजीसी के नियमानुसार च्वाइस आधारित क्रेडिट प्रणाली में पीजी लेवल पर शुरू की जा रही है। इसमें छात्र अपने विषय के अतिरिक्त दो विषय जिसमें उसकी रूचि हो जो उस विश्वविद्यालय में पढाये जा रहे है को चुन सकेंगे।
बैठक में रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने पूर्व की बैठक में लिये गये निर्णयों की क्रियांविति से सभी सदस्यों को अवगत कराया। इस अवसर पर पीजीडीन प्रो. पी.के. पंजाबी, परीक्षा प्रभारी प्रो. सुमन पामेचा, प्रो. सुनिता सिंह, प्रो. हेमेन्द्र चण्डालिया, प्रो. एल.आर. पटेल, डॉ. जी.एम. मेहता, डॉ. मनीष श्रीमाली, डॉ. मंजू मांडोत, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, डॉ. देवेन्द्रा आमेटा, डॉ. राजन सूद, डॉ. बबीता रसीद, डॉ. अलख नन्दा, डॉ. धीरज जोशी, डॉ. अर्पणा श्रीवास्तव, डॉ. भारत सिंह,, प्रो. मलय पानेरी, डॉ. पारस जैन, डॉ. रचना राठौड़ ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए। केरियर बेसिस येाजना के अन्तर्गत विश्वविद्यालय में तीन वर्षीय एलएलबी एवं बीए एलएल बी इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम प्रारंभ करने हेतु इसी सत्र से विधि महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा। राज्य सरकार एवं राजस्थान पेरामेडिकल काउंसिल, जयपुर की अनुमति मिलने के पश्चात इसी सत्र से फिजियोथेरेपी चिकित्सा महाविद्यालय डबोक में डी.एम.एल.टी. एवं डी.एम.आर.टी. दो वर्षीय पाठ्यक्रम
ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत जनशिक्षण केन्द्रों पर मोबाईल रिपेयरिंग, होम एप्लीकेशन रिपेयरिंग, एक महीने का सर्टीफिकेट कोर्स जिसमें वेब डिजाईनिंग, ई अकाउंटिंग के वोकेशनल सर्टीफिकेट कोर्स शुरू किये जायेंगे।
विद्यापीठ के सामुदायिक केन्द्रों पर कौशल विकास के टाई एण्ड डाई, बटिक आर्ट, स्टेनशिल प्रिन्ट, ब्लोक प्रिन्टिंग, स्क्रीन प्रिन्टिंग, ज्वेलरी मेकिंग, सोफ्ट टॉयज, थ्री डी लनिंग टेक्नोलॉजी के कोर्स ग्रामीण जन को सिखाये जायेंगे तथा उनके प्रमाण पत्र दिये जायेंगे जिससे वे अपने खुद का व्यापार शुरू कर सकेंगे।
स्नातकोत्तर स्तर पर रसायन विज्ञान का पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के साथ स्नातक स्तर पर अन्य विज्ञान विषयों के पाठ्यक्रम शुरू करने तथा रसायन विज्ञान में पीएच.डी. कराने की स्वीकृति दी गई।
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