नवीन खोजों से होगा तकनीकी जगत में क्रान्तिकारी परिवर्तन
उमरड़ा स्थित एस. एस. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के फाईनल ईयर के छात्रों ने अपने प्रोजेक्ट प्रजेन्टेशन में कई ऐसे मॉडल डवलप किये जो तकनीकी जगत में क्रान्तिकारी परिवर्तन के सूत्रधार होगें।
उमरड़ा स्थित एस. एस. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के फाईनल ईयर के छात्रों ने अपने प्रोजेक्ट प्रजेन्टेशन में कई ऐसे मॉडल डवलप किये जो तकनीकी जगत में क्रान्तिकारी परिवर्तन के सूत्रधार होगें।
मैकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष अनिल चौहान ने बताया कि विभाग की फैकेल्टी के निर्देशन में छात्र समूहो द्वारा कई नवीन एवं उपयोगी प्रोजेक्टस् का डेमोन्सट्रेशन किया गया। शुभम शर्मा एवं अमन धनवाल ने हवा से चलने वाले इंजिन का आविष्कार किया। वहीं इस संकाय के छात्र अजित मीणा एवं ग्रुप ने लो प्रेशर हेड टर्बाईन बनाया जिससे आवश्यकतानुसार कम मात्रा में पानी होने पर भी बिजली प्राप्त की जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त दिग्विजय सिंह एवं ग्रुप ने कूलिंग टॉवर का निर्माण किया जिससे गर्म पानी को ठंडा कर पॉवर प्लांट में उपयोग में लाया जा सकता हैं।
रघु सुहालका एवं ग्रुप ने पिक एण्ड ड्रॉप रोबोट का निर्माण किया जो कम दूरी में सामान पहुँचाने में मददगार साबित होगा।
कम्प्यूटर सांईस एवं आई टी विभाग के विभागाध्यक्ष श्री पारस कोठारी ने बताया कि छात्रों ने विभिन्न प्लेटफोर्म पर कई समाजोपयोगी सॉफ्टवेयर तैयार किये है जिसमें सागर डोन्डा एवं ग्रुप ने कॉलेज के एकाउटिंग सिस्टम के लिये वेब एप्लीकेशन तैयार की जिसमें स्टूडेंट फीस, कॉलेज एक्स्पेन्सेस् एवं अन्य एकाउटिंग गतिविधियों को शामिल किया हैं। संकाय की अन्य छात्रा करिश्मा जैन ने बिल्डिंग मेटिरियल सप्लायर एवं डिलर्स के लिये वेब एप्लीकेशन तैयार की है जिसके माध्यम से विभिन्न प्रोडक्टस की जानकारी तो प्राप्त होगी ही साथ ही विभिन्न कम्पनियों के विभिन्न उत्पादों की वर्तमान मूल्य एवं उपलब्धता की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती हैं।
इसके अतिरिक्त किसी शिक्षण संस्थान में स्टूडेन्ट रिकार्ड को सरल तरीके से मैनेज करने के लिये इसी संकाय के छात्र हार्दिक घनकेचा ने एक स्टूडेन्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम (एसएमएस) तैयार किया।
गुजरात मूल के छात्रों विवेक पाटोलिया, नितिन सुहागिया एवं धवल पटेल ने गुजरात ट्यूरिज्म के लिये ‘स्वर्णिम गुजरात’ नामक एक वेब साईट तैयार की है जिसमें गुजरात पर्यटन की विभिन्न जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।
इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्यूनिकेशन विभाग के विभागाध्यक्ष अजय व्यास ने बताया कि अब ‘भोपाल गैस त्रासदी’ जैसी दुर्घटना की पुनर्रावृत्ति नहीं होगी। संकाय के योगेश मीणा एवं ग्रुप ने जी.एस.एम. बेस्ड गैस लिकेज डिटेक्शन सिस्टम का आविष्कार किया है। जिसकी सहायता से रिमोट एवं हेजार्ड एरिया में लिकेज की जानकारी दूर स्थित कंट्रोल रूम के ऑपरेटर एवं सुरक्षा गार्ड के मोबाईल पर मिल जायेगी। इस प्रोजेक्ट की उपयोगिता न केवल रिमोट एरिया में अपितु घरेलु एल.पी.जी., इण्डिस्ट्रियल एप्लीकेशन, खदानों आदि जहाँ जहरीली गैस का रिसाव अधिक होता है और जान-माल की हानि होती हैं वहाँ यह उपकरण कारगर साबित हो सकता हैं। इस प्रोजेक्ट को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा अनुदान के लिये चयनित किया जा चुका हैं।
संस्था के प्रबंध निदेशक अभय सिंघवी ने छात्रों एवं संबंधित प्राध्यापकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि ये प्रोजेक्ट निःसन्देह तकनीकी जगत में क्रान्तिकारी परिवर्तन लायेगें और ये समाज के लिये लाभदायक साबित होगें।
सिंघवी ने बताया कि उनकी संस्था के कई छात्रों के प्रोजेक्स को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा अनुदान के लिये चयनित किया जा चुका हैं और आगे भी इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं।
संस्था के एक्ज्यूकेटिव डायरेक्टर पियूष सरूपरिया ने प्रोजेक्ट के सफल डेमोन्सट्रेशन के लिये छात्रो एवं संबंधित प्राध्यापकों को बधाई दी और आश्वासन दिया कि इन प्रोजेक्टस के उत्तरोत्तर प्रगति के लिये कॉलेज प्रशासन आवश्यक रिसोर्सेज उपलब्ध करवाने को सदैव तत्पर रहेगा।
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