नव युवाओ को मिला प्रतिभा दिखाने को मंच – एक अलग अंदाज़ में मनाया गया रंगमंच दिवस
विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में नाट्यांश सोसाइटी ऑफ़ ड्रामेटिक एंड परफोर्मिंग आर्ट्स के कलाकारों ने एक मोनोलोग नाट्य संध्या का आयोजन किया. साधारणतया विश्व रंगमंच दिवस यानि कि आज के दिन सभी नाट्य दल किसी ना किसी बड़े नाट्य मंचन की उम्मीद रखता है
27 मार्च 2018 को विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में नाट्यांश सोसाइटी ऑफ़ ड्रामेटिक एंड परफोर्मिंग आर्ट्स के कलाकारों ने एक मोनोलोग नाट्य संध्या का आयोजन किया. साधारणतया विश्व रंगमंच दिवस यानि कि आज के दिन सभी नाट्य दल किसी ना किसी बड़े नाट्य मंचन की उम्मीद रखता है.
हमारा नाट्य दल भी कही ना कही इसी उम्मीद में था कि हम भी किसी नाटक का मंचन करंगे. तभी एक नव उर्जावान कलाकार ने सवाल किया कि नाट्य मंचन में सभी कलाकारो को किरदार करने का मोका मिलेगा और अगर मोका मिल भी गया तो क्या नाट्य के सभी रंगोंए भावो को एक साथ मंच मिल सकेगा?
बस इन्ही सवालों को जहन में रख कर इस वर्ष कोई बड़ा नाट्य मंचन ना करते हुए सभी कलाकारों के साथ मिल कर नाटक के सभी रंगों एवं सभी भावो को प्रदर्शित करने कि एक कोशिश में मोनोलोग नाट्य संध्या का आयोजन किया गया.
टीम नाट्यांश के संयोजक श्री मोहम्मद रिज़वान मंसूरी ने बताया कि इस नाट्य संध्या में नाट्यांश के 15 से ज्यादा कलाकारों ने अलग-अलग प्रस्तुतिया दी जिसमे मोनोलोग मुखाभिनय मिमिक्री एकल अभिनय और कविता पाठ जैसी छोटी छोटी प्रस्तुतिया रही.
अपनी प्रस्तुतियों से धर्मेन्द्र टीलावत, जतिन भरवानी, कुमुद द्विवेदी, भरत कटारिया और अक्षित आनंद ने सभी का मन मोहा. रेखा सिसोदिया ने एकल नाटक अग्निशिखा का मंचन भी किया.
सभी प्रस्तुतियों के बाद कलाकारों से प्रस्तुति और रंगमंच के बारे में चर्चा करी गई. इस के साथ ही में नाट्यांश संस्थान के प्रशिक्षक और साथी कलाकार अब्दुल मुबीन खान, अशफ़ाक नूर खान, अमित श्रीमाली एवं मोहम्मद रिज़वान ने अपनी रंगयात्रा के कुछ खट्टे मीठे अनुभव सभी के साथ साँझा किये.
लगातार 5 वर्षो से उदयपुर में रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय नाट्यांश संस्थान हमेशा से ही नव उर्जा को मंच प्रदान करता रहा है और नाट्य कला को आमजन तक पहुचने के लिए अग्रसर रहा है.
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