'बिना सत्संग विवेक न होई'


'बिना सत्संग विवेक न होई'

'मो नमो विनायकं नमो विनायकं' की जय ध्वनि के मध्य निम्बार्क शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित गणेश चतुर्थी जन्मोत्सव कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष वैद्य शिवकरण शर्मा ने 'बिना सत्संग विवेक न होई' लोकोक्ति से प्रशिक्षणार्थियों में विवेक बुद्धि के संवर्धन हेतु गणेश जी की जीवन घटनाओं को आधार बनाकर अपने अनुभव एवं जीवन प्रंसगों से राष्ट्र के सेवा करने का गणनायक संदेश दिया।

 

‘मो नमो विनायकं नमो विनायकं’ की जय ध्वनि के मध्य निम्बार्क शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित गणेश चतुर्थी जन्मोत्सव कार्यक्रम में बतौर अध्यक्ष वैद्य शिवकरण शर्मा ने ‘बिना सत्संग विवेक न होई’ लोकोक्ति से प्रशिक्षणार्थियों में विवेक बुद्धि के संवर्धन हेतु गणेश जी की जीवन घटनाओं को आधार बनाकर अपने अनुभव एवं जीवन प्रंसगों से राष्ट्र के सेवा करने का गणनायक संदेश दिया।

साथ ही महन्त रासबिहारी शरण ने प्रथम पूज्य श्री गणपति को विघ्न विनाशक, संकट हरण एवं ज्ञान के संप्रदाता के रूप वन्दन करने का संदेश प्रसारित किया। इससे पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.सुरेन्द्र द्विवेदी ने स्वागत उद्बोधन करते हुए माता पिता में ही सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड का चिन्तन करने वाले श्री गणेश को अपने जीवनादर्श के रूप में प्रतिस्थापित करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में शिक्षाशास्त्री एवं बी.एड. के कौमी जाशी, उर्वी श्रीमाली, अनिता सुनार, कौमल उपाध्याय, टीना आमेटा, किरण आमेटा, जीवाराम, भूरालाल, आदि प्रशिक्षणार्थियों ने गणेश स्तोत्र, मंत्र श्लोक, भजन, गीत, प्रवचन आदि मंत्रमुग्ध करने वाले संगीतमय प्रस्तुतियॉ साथ ही डॉ.मीनेष भट्ट ने गणेश स्त्रोत आदि मन्त्रोच्चारण अभ्यास से सस्कृत पठनाभ्यास में रूचि उत्पन्न करने के विशेष प्रयास रूप उदेश्य को स्पष्ट किया।

कार्यक्रम के अन्त में समस्त महाविद्यालय परिवार ने गणेश जी की आरती के साथ प्रसाद का भोग लगाया। सपना वैद ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन हर्षिता रजक ने किया।

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