एक भी नाबालिग का विवाह न हो – जिला कलक्टर


एक भी नाबालिग का विवाह न हो – जिला कलक्टर

जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक ने कहा कि आखातीज पर अबूझ सावे के मौके पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होने बुधवार को महिला एवं विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती रोली सिंह की विडियो कांफ्रेंस के बाद अधिकारियों को यह निर्देश दिए।

 
एक भी नाबालिग का विवाह न हो – जिला कलक्टर

जिला कलक्टर बिष्णुचरण मल्लिक ने कहा कि आखातीज पर अबूझ सावे के मौके पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होने बुधवार को महिला एवं विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती रोली सिंह की विडियो कांफ्रेंस के बाद अधिकारियों को यह निर्देश दिए।

जिला कलक्टर ने कहा कि पुलिस, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, चिकित्सा विभाग, विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला बाल कल्याण समिति एवं अन्य विभाग मिलकर कार्य करें तो बाल विवाह पर प्रभावी रोकथाम लगाई जा सकती है। उन्होने व्यापक प्रचार-प्रसार करने और आमजन को जागरुक करने का आवश्यकता भी जताई।

इस हेतु एक कार्यशाला का आयोजन करने और बैनर-पोस्टर-पेंपलेट के माध्यम से आमजन तक जानकारी पहुंचाने के निर्देश भी उन्होने दिए। कलेक्ट्रेट में एक कंट्रोल रुम स्थापित करने के साथ ही पुलिस कंट्रोल रुम, महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन, विधिक सेवा प्राधिकरण के कंट्रोल रुम आदि के नंबर भी आमजन को उपलब्ध करवाने को कहा ताकि कोई भी व्यक्ति बाल विवाह से जुड़ी जानकारी दे सके जिस पर त्वरित कार्यवाही हो सके।

जिला कलक्टर ने कहा कि विशेष ग्रामसभाओं के माध्यम से जागरुकता लाई जाए और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की जाए। विडियो कांफ्रेंस में जिला परिषद सीईओ अविचल चतुर्वेदी, एडीएम सिटी सुभाष शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक डॉ. तरु सुराणा, महिला अधिकारिता विभाग की रश्मि कौशिश सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं जिला बाल कल्याण समिति से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित रहे।

विडियो कांफ्रेंस में मिले निर्देश

विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव रोली सिंह ने बाल विवाह को लेकर संवेदनशील जिलों के अधिकारियों से चर्चा की जिसमें उदयपुर भी शामिल है। उन्होने कहाकि बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को चाहिए कि वे बाल विवाह की रोकथाम के लिए समय पर कार्ययोजना बना लें। टेंट, हलवाई, बैंड एवं पंडित आदि के साथ बैठक कर बाल विवाह को किसी प्रकार की सेवा उपलब्ध नही कराने की शपथ दिलाएं। पटवारी, ग्राम सेवक,पुलिस के बीट कांस्टेबल एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित जमीनी स्तर के कार्मिकों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करें कि वे अपने क्षेत्र में होने वाले बाल विवाह की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें। विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वालिएंटर्स की सहायता भी इस कार्य में लेने हेतु उन्होने निर्देश दिए।

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