विश्व रंगमंच दिवस पर हुआ नुक्कड़ नाटक धावड़ि का मंचन


विश्व रंगमंच दिवस पर हुआ नुक्कड़ नाटक धावड़ि का मंचन

नाटक के अंतर्गत विभिन्न मुद्दो बारे मे लोगो को अवगत कराया गया। सबसे पहले लोगो को ट्रेफिक व्यवस्था के बारे मे बताया गया की किस तरह से लोग ट्रेफिक नियमो को अनदेखा करके ट्रेफिक व्यवस्था को बिगाड़ देते है और समझने पर भी, वो उसकी अनदेखी ही करते है। इसके बाद नाटक मे सफाई के मुद्दे पर लोगो से बात की गयी जिसमे बताया गया की कैसे लोग खुद गंदगी करते है और उसका दोष अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों पर लगाते है, उन्हे ये समझाया गया की अपनी ज़िम्मेदारी को समझे और समय पर गंदगी को उचित स्थान पर डाले। इसके बाद नाटक मे महिलाओ के बारे मे बात की गयी कैसे एक महिला समाज मे माँ,बेटी,बहू, इज्ज़त से जानी जाती है, पर उसका दर्जा समाज मे उतना ही कम रखा जाता है, नाटक के अंत मे सभी लडकीया अपने हक़ से लड़ने का संकल्प लेती है और समाज मे खुद को अलग और ऊंचा उठाने का विश्वास दिखाती है।

 

विश्व रंगमंच दिवस पर हुआ नुक्कड़ नाटक धावड़ि का मंचन

नाटयांश सोसाइटी ऑफ ड्रामैटिक एंड परर्फ़ोमिंग आर्ट्स ने विश्व रंग मंच दिवस की मौके पर नुक्कड़ नाटक धावडी के 2 मंचन किए। पहला मंचन दूध तलाई और दूसरा मंचन फतेहसागर की पाल पर किया गया।

विश्व रंगमंच दिवस पर हुआ नुक्कड़ नाटक धावड़ि का मंचन

नाटक के अंतर्गत विभिन्न मुद्दो बारे मे लोगो को अवगत कराया गया। सबसे पहले लोगो को ट्रेफिक व्यवस्था के बारे मे बताया गया की किस तरह से लोग ट्रेफिक नियमो को अनदेखा करके ट्रेफिक व्यवस्था को बिगाड़ देते है और समझने पर भी, वो उसकी अनदेखी ही करते है। इसके बाद नाटक मे सफाई के मुद्दे पर लोगो से बात की गयी जिसमे बताया गया की कैसे लोग खुद गंदगी करते है और उसका दोष अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों पर लगाते है, उन्हे ये समझाया गया की अपनी ज़िम्मेदारी को समझे और समय पर गंदगी को उचित स्थान पर डाले। इसके बाद नाटक मे महिलाओ के बारे मे बात की गयी कैसे एक महिला समाज मे माँ,बेटी,बहू, इज्ज़त से जानी जाती है, पर उसका दर्जा समाज मे उतना ही कम रखा जाता है, नाटक के अंत मे सभी लडकीया अपने हक़ से लड़ने का संकल्प लेती है और समाज मे खुद को अलग और ऊंचा उठाने का विश्वास दिखाती है।

नाटक की समाप्ती पर सभी लोगो को विश्व रंगमंच दिवास की शुभकनाए दी गयी और अपने जीवन मे रंगमच को जीवित करने का प्रण दिलवाया गया।

विश्व रंगमंच दिवस पर हुआ नुक्कड़ नाटक धावड़ि का मंचन नाटक का लेखन और निर्देशन अशफाक़ नूर खान पठान ने किया और मुख्य कलाकारो मे मनीषा शर्मा, परख जैन, मिलिंद पुरोहित, आर्य चौदरी, भूपेंद्र सिंह राव , चेतन शर्मा, मनीष गुप्ता, गार्गी वशिष्ठ , आयुषी खंडेलवाल और खुद अशफाक़ नूर खान पठान थे ।

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