गीतांजली हाॅस्पिटल के आॅन्को सर्जन ने किया मूत्राशय में कैंसर का सफल इलाज
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के आॅन्को सर्जन डाॅ आशीष जाखेटिया एवं डाॅ अरुण पांडेय ने मूत्राशय में कैंसर से पीड़ित 81 वर्षीय वृद्ध की सफल सर्जरी कर स्वस्थ किया। लगभग 6 घंटें चली जटिल सर्जरी में मूत्राशय व आस-पास के लिम्फ नोड्स को हटाया गया एवं मूत्रनली को आंतों में प्रत्यारोपित किया गया। इस प्रक्रिया को रेडिकल सिस्टेक्टोमी कहते है।
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के आॅन्को सर्जन डाॅ आशीष जाखेटिया एवं डाॅ अरुण पांडेय ने मूत्राशय में कैंसर से पीड़ित 81 वर्षीय वृद्ध की सफल सर्जरी कर स्वस्थ किया। लगभग 6 घंटें चली जटिल सर्जरी में मूत्राशय व आस-पास के लिम्फ नोड्स को हटाया गया एवं मूत्रनली को आंतों में प्रत्यारोपित किया गया। इस प्रक्रिया को रेडिकल सिस्टेक्टोमी कहते है।
डाॅ जाखेटिया ने बताया कि इतनी जटिल सर्जरी, अधिक उम्र और मूत्राशय खोने के डर से कई मरीज आॅपरेशन के लिए इंकार कर देते है जिससे मूत्र में भारी मात्रा में रक्तस्त्राव होता है और इलाज नहीं हो पाता है। साथ ही मूत्राशय में कैंसर होने के कारण यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैलने का खतरा बना रहता है। परंतु गीतांजली कैंसर सेंटर की समर्पित टीम के देखभाल के परिणामस्वरुप 81 वर्ष की उम्र में इतनी लंबी एवं व्यापक सर्जरी के बावजूद रोगी अब एकदम स्वस्थ है। रोगी ने छठें दिन से ही खाना खाना आरंभ कर दिया था एवं दसवें दिन हाॅस्पिटल से छुट्टी प्रदान कर दी गई।
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इस सफल सर्जरी की टीम में डाॅ आशीष व डाॅ अरुण के अलावा एनेस्थेटिस्ट डाॅ नवीन पाटीदार, ओटी स्टाफ हितेश, राजू, अनिल, लाभचंद एवं जितेंद्र का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रशिक्षित एवं अनुभवी आॅन्को सर्जन का यह भी कहना है कि इतनी अधिक उम्र एवं बढ़े हुए तथा आक्रामक कैंसर ट्यूमर की भी सर्जरी संभव है।
चित्तौड़गढ़ निवासी एलएन तोशनीवाल पिछले 2-3 महीनों से मूत्र में रक्त आने से परेशान थे। उन्होंने कई फिजिशियन एवं सर्जन से परामर्श लिया परंतु कोई आराम न मिला। उसके बाद वे गीतांजली कैंसर सेंटर आए जहां डाॅ आशीष एवं डाॅ अरुण से परामर्श एवं सीटी स्केन और सिस्टेक्टोेमी की जांचों से मूत्राशय में कैंसर की पुष्टि हुई।
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