संस्कृति विभाग द्वारा एक दिवसीय व्याख्यानमाला
माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के इतिहास एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय व्याख्यानमाला में सोमवार को अजमेर एमडीएस विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व प्रो. टी.के. माथुर ने कहा कि राष्ट्रीय आंदोलन में छात्रांे की भूमिका 1930 से 1945 तक देखी जाती है जब 1927 में अखिल भारतीय देसी राज्य परिषद का गठन हुआ और विभिन्न रियासतों में प्रजामंडल का गठन हुआ तो युवाओं की भूमिकस राष्ट्रीय आंदोलन में पड़ गई।
माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के इतिहास एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय व्याख्यानमाला में सोमवार को अजमेर एमडीएस विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व प्रो. टी.के. माथुर ने कहा कि राष्ट्रीय आंदोलन में छात्रांे की भूमिका 1930 से 1945 तक देखी जाती है जब 1927 में अखिल भारतीय देसी राज्य परिषद का गठन हुआ और विभिन्न रियासतों में प्रजामंडल का गठन हुआ तो युवाओं की भूमिकस राष्ट्रीय आंदोलन में पड़ गई।
पूरे राज्य में युवाओं की उत्तर भारत में राजस्थान के छात्रों की भूमिका सबसे अग्रणी रहा है। छात्र आंदोलन की बहुत सारी आवश्यकता इस भूमिका पर बहुत ज्यादा शोध कार्य किया जा सकता है।
इसके लिए बडी ताजाद में सीआईडी रिपोर्ट अभिलेखाकार में सुरक्षित है। समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सुमन पामेचा ने की। समारोह के प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन विभागाध्यक्ष प्रो. नीलम कोशिक ने दिया। संचालन डॉ. हेमेन्द्र चौधरी ने किया। इस अवसर पर प्रो. के.एस. गुप्ता, प्रो. मलय पानेरी, डॉ. धीरज जोशी, प्रो. मुक्ता शर्मा सहित अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित थी।
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