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आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

"प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक आपदाओं के दौरान अपूर्ण जानकारी एवं पूर्वाभ्यास के कारण मानवों को भारी क्षति का सामना करना पडता हैं जिस कारण इस प्रकार की आपदाओं से बचना एवं सुरक्षात्मक रूप से किये जाने वाले उपाय भी नाकाफी हो जाते हैं। इसके लिए आववश्यक हैं कि प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक आपदाओं को जाना जाये तथा उन आपदाओं के दौरान की जाने वाली तैयारी एवं उचित जानकारी से मानव जीवन की क्षति को रोका एवं कम किया जा सके"। - उक्त सार गीतांजली स्कूल एण्ड कॉलेज ऑफ नर्सिंग एवं डिपार्टमेन्ट ऑफ कम्यूनिटी हेल्थ नर्सिंग द्वारा गीतांजली कॉलेज के सभागार में आयोजित एक दिवसीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला में निकलकर आया।

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आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

“प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक आपदाओं के दौरान अपूर्ण जानकारी एवं पूर्वाभ्यास के कारण मानवों को भारी क्षति का सामना करना पडता हैं जिस कारण इस प्रकार की आपदाओं से बचना एवं सुरक्षात्मक रूप से किये जाने वाले उपाय भी नाकाफी हो जाते हैं। इसके लिए आववश्यक हैं कि प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक आपदाओं को जाना जाये तथा उन आपदाओं के दौरान की जाने वाली तैयारी एवं उचित जानकारी से मानव जीवन की क्षति को रोका एवं कम किया जा सके”। – उक्त सार गीतांजली स्कूल एण्ड कॉलेज ऑफ नर्सिंग एवं डिपार्टमेन्ट ऑफ कम्यूनिटी हेल्थ नर्सिंग द्वारा गीतांजली कॉलेज के सभागार में आयोजित एक दिवसीय आपदा प्रबंधन कार्यशाला में निकलकर आया।

कार्यशाला में विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों के करीब 800 विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक आपदाओं के दौरान रखी जाने वाली जानकारी एवं समझदारी को वक्ताओं से ग्रहण किया।

कार्यशाला में विश्वैवरैया फायर एण्ड सैफ्टी की ओर से आग लगने पर किये जाने वाले उपायों को मॉक ड्रिल के द्वारा समझाया गया। मॉक ड्रिल के दौरान फायर एक्सपिनविसर द्वारा आग लगाकर नर्सिंग स्टूडेण्ट को ड्राई केमिकल पाऊडर, सीओ 2, आक्सीजन कट आऊट, क्लोथ कवर्ड आदि तरीकों से किस प्रकार आग को बुझाया जा सके, समझाया गया तथा फायर उपकरणों द्वारा यह भी बताया गया कि वृह्द स्तर पर लगने वाली आग पर किस तरह आग पर काबू पाया जाये।

आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला में विभिन्न सत्रों का भी आयोजन हुआ, जिसमें विश्वैवरैया फायर एण्ड सैफ्टी से फैकल्टी के रूप में आये अभिषेक देवलिया ने आपदा प्रबंधन के दौरान किये जाने वाले उपाय, के.एस. शक्तावत ने आग के विभिन्न प्रकार एवं उन्हे बुझाने के विभिन्न उपाय, डा. हरिश माथुर ने आपातकाल स्थिति में हॉस्पीटल द्वारा किये जाने वाले इन्तजाम, पूर्व तैयारी, शरद एस. ने आपदा के दौरान फंसे लोगों को सावधानी पूर्वक निकालने से लेकर उन्हे हॉस्पीटल पहुंचाने, मलिकाअर्जुन ने आग लगने पर जले पीडि़तो को मौके पर प्राथमिकी उपचार देने, कमलेश जोशी ने आपदा के बाद पीडित एवं उसके घर वालों को मानसिंक रूप से सुदृढ करने सम्बन्धी पहलुओं पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला मे बीएससी के स्टूडेण्ट ने उत्तराखण्ड त्रासदी को मुकाभिनय द्वारा प्रदर्शित करते हुए त्रासदी हाने के कारणो से लेकर, पुलिस प्रशासन व्यवस्था, बचाव कार्य, पीडितो की सहायता, मिडिया एवं राजनैताओं की भूमिका आदि को दर्शाया।

इस दौरान कार्यशाला मे मुख्य अतिथि के रूप मे गीतांजली मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल के निदेशक अंकित अग्रवाल, गीतांजलि युनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. आर.के. नाहर,डॉ. जयालक्ष्मी एल.एस., योगेश्वरपुरी गोस्वामी प्रिंसिपल गीजांजली कॉलेज ऑफ नर्सिंग, गजेन्द्र जैन प्रिंसिपल स्कूल ऑफ नर्सिंग, एचओडी ऑफ कम्यूनिटी डिपार्टमेन्ट एवं गीतांजलि मेडिकल स्कूल, कॉलेज, नर्सिंग के सभी संकाय के लोग उपस्थित थे।

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