’फ्यूजन म्यूजिक’ का विरोध करना श्रेयस्कर नहीं
शास्त्रीय संगीत का पक्ष लेकर हमेशा ’फ्यूजन म्यूजिक’ का विरोध करना श्रेयस्कर नहीं है। वास्तव में भ
शास्त्रीय संगीत का पक्ष लेकर हमेशा ’फ्यूजन म्यूजिक’ का विरोध करना श्रेयस्कर नहीं है। वास्तव में भारतीय संगीत में अनेक राग-रागिनियों का विकास फ्यूजन के कारण ही संभव हो सका है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के प्रोफेसर चमनलाल वर्मा ने सामाजिक एवं मानविकी महाविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा आयोजित विस्तार व्याख्यान में यह विचार व्यक्त किए।
महाविद्यालय के सहायक अधिष्ठाता और विभाग के प्रभारी प्रो. मदनसिंह राठौड़ ने बताया कि प्रो. वर्मा ने ’’ भारतीय शास्त्रीय संगीत के समकालीन परिदृश्य’’ विषयक इस व्याख्यान में संगीत की बुनियादी शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के प्रभावों के कारण सारी दुनिया निरंतर सिमटती जा रही है। इस कारण संगीत-घरानों की परम्परा का अब वह महत्व नहीं रह गया है।
उन्होंने अनेक रागों की विधिवत प्रस्तुति देकर विद्यार्थियों की अनेक समस्याओं का समाधान किया। भारतीय संगीत के तकनीकी और वैज्ञानिक पक्षों का परिचय देते हुए उन्होेंने व्यवस्थित अध्ययन और अभ्यास के महत्व पर बल दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय संगीत की लयात्मकता और गत्यात्मकता के आधार पर अनके शैलियों का विकास हुआ है। संगीत भावों की कला है और भारतीय भावभूमि पर ही इसमें अधिक शोध की स्ंभावनाएँ है।
पाश्चात्य दृष्टि से किए गए शोध में भारतीयता का अभाव महसूस किया जा सकता है। व्याख्यान के दौरान प्रो. वर्मा ने विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के विविध प्रश्नों का उत्तर दिया। प्रो़. राठौड़ ने कहा कि कलाजगत में लोक और शास्त्रीय पक्षों में मध्य आदान-प्रदान का आधार फ्यूजन ही रहा है। उन्होंने बताया कि ललित कलाओं के समन्वित और व्यवस्थित विकास के लिए विश्वविद्यालय में स्वतंत्र रूप से ललित कला संकाय की स्थापना के प्रयत्न किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर महाविद्यालय की डीन प्रो. फरीदा शाह ने कहा कि प्रदर्शनकारी कलाओं में वरिष्ठ गुणीजनों एवं शिक्षकों का मार्गदर्शन विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभकारी होता है। महाविद्यालय उच्च शिक्षा के गुणवत्तापूर्ण वातावरण के लिए सदैव प्रयत्नशील है। कार्यक्रम में शहर के अनेक संगीत प्रेमी, गुणीजन, संगीत शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन भूमिका ने किया।
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