विधान सभा में विवादास्पद अध्यादेश का विरोध, विपक्षी कांग्रेस के साथ दो भाजपा विधायकों ने भी किया विरोध
राजस्थान में विवादास्पद ‘लोकसेवक’ अध्यादेश को लेकर विरोध तेज होता दिख रहा है। जिसको लेकर देशभर के मीडिया की निगाहें आज राज्य विधानसभा पर लगी हुई है। आज शुरू हुई राजस्थान विधानसभा का सत्र में विपक्ष ने अध्यादेश को लेकर जमकर हंगामा किया। शुरुआत में ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर रहा, इस दौरान रमेश मीणा, गोविंद सिंह डोटासरा ने विरोध किया। राजेंद्र राठौड़ से दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस के जोरदार विरोध को देखते हुए कल 11 बजे तक राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
राजस्थान में विवादास्पद ‘लोकसेवक’ अध्यादेश को लेकर विरोध तेज होता दिख रहा है। जिसको लेकर देशभर के मीडिया की निगाहें आज राज्य विधानसभा पर लगी हुई है। आज शुरू हुई राजस्थान विधानसभा का सत्र में विपक्ष ने अध्यादेश को लेकर जमकर हंगामा किया। शुरुआत में ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर रहा, इस दौरान रमेश मीणा, गोविंद सिंह डोटासरा ने विरोध किया। राजेंद्र राठौड़ से दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने बिल का विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस के जोरदार विरोध को देखते हुए कल 11 बजे तक राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।
इधर लोकसेवको को बचाने के लिए लाए जा रहे बिल के विरोध में भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने भी वॉक आउट किया है। कांग्रेस के विधायक लोकसेवकों को बचाने के लिए लाए जा रहे बिल के विरोध में मुंह पर काली पट्टी बांधकर विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस विधायकों का कहना है यह एक काला कानून है जिसे किसी भी हाल में पास नहीं होने दिया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस ने हाथो में बैनर पोस्टर लेकर विधानसभा के पास ज्योतिनगर पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पायलट के साथ कोंग्रेसी विधायकों, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, जयपुर जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास, प्रवक्ता अर्चना शर्मा एवं पार्टी की पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
एक ओर राजस्थान हाईकोर्ट में इस अध्यादेश के खिलाफ याचिका दाखिल की गई है। कांग्रेस ने इस ‘दंड विधियां (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2017’ के विरोध में विधानसभा से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला। वहीं बीजेपी नेता नरपत सिंह राजवी ने भी इसे लेकर कहा कि इस तरह का कानून नहीं लाया जाना चाहिए।
वहीं एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इस विवादित अध्यादेश का विरोध किया है। एडिटर्स गिल्ड ने इसे ‘पत्रकारों को परेशान करने, सरकारी अधिकारियों के काले कारनामे छिपाने और भारतीय संविधान की तरफ से सुनिश्चित प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने वाला एक घातक कानून’ बताया है। दूसरी ओर जयपुर की डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिअशन ने भी अध्यादेश के विरोध में समस्त न्यायिक कार्य स्थगित रख प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।
पूर्व मंत्री तिवाड़ी ने गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया को लिखे पत्र में कहा है, इस पत्र को आप मेरी ओर से एक राजनीतिक प्रतिरोध के रूप में लें। इस पत्र के माध्यम से मेरा सबसे प्रमुख प्रतिरोध उस बिल से है जिसे गृहमंत्री के रूप में आप अगले कुछ दिनों में विधानसभा में प्रस्तुत करने वाले हैं। आप एक ऐसा क़ानून बनाने वाले हैं, जो राजस्थान को खुले आम लूटने वाले मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारियों की लूट को कवच और कुंडल पहना देगा।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक तिवाड़ी ने कहा है कि इस बिल के प्रस्तुत होने के बाद राजस्थान के इतिहास में यह दिन लोकतंत्र के अंधकार दिवस के रूप में याद रखा जाएगा। चूँकि यह बिल आपके विभाग से सम्बंधित है, इस पत्र के माध्यम से मेरा आपसे निवेदन है कि आप मंत्रिमंडल में इस पर पुनर्विचार करें और इसे विधानसभा में नहीं लाया जाए। अगर लाया गया तो जिस प्रकार मैंने आपातकाल का विरोध किया था उसी प्रकार राजस्थान में लोकतंत्र का गला घोंटने वाले इस बिल का भी विरोध करूँगा।
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