ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग हों


ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग हों

ऐश्वर्या काॅलेज आॅफ एजुकेशन संस्थान एवं राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज एश्वर्या काॅलेज परिसर में दो दिवसीय वैकल्पिक स्रोतों का विकल्प विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न हुई। समापन समारोह के मुख्य अतिथि अक्षय ऊर्जा विभाग के प्रो. दीपक शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना प्राकृतिक आपदाओं को निमन्त्रण देता है। प्राकृितक स्त्रोत सीमित होने के कारण ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिये। सौर ऊर्जा से सम्बन्धित नए उपकरणों के प्रयोग द्वारा पर्यावरण को स्वच्छ व पृथ्वी को हरा-भरा बना सकते हैं क्योंकि सौर ऊर्जा मूल्य रहित है तथा उपकरण सरकारी सब्सिडी से अक्षय ऊर्जा मंत्रालय से प्राप्त कर सकते हैं।

 
ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग हों ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग हों

ऐश्वर्या काॅलेज आॅफ एजुकेशन संस्थान एवं राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज एश्वर्या काॅलेज परिसर में दो दिवसीय वैकल्पिक स्रोतों का विकल्प विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न हुई।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि अक्षय ऊर्जा विभाग के प्रो. दीपक शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना प्राकृतिक आपदाओं को निमन्त्रण देता है। प्राकृितक स्त्रोत सीमित होने के कारण ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिये। सौर ऊर्जा से सम्बन्धित नए उपकरणों के प्रयोग द्वारा पर्यावरण को स्वच्छ व पृथ्वी को हरा-भरा बना सकते हैं क्योंकि सौर ऊर्जा मूल्य रहित है तथा उपकरण सरकारी सब्सिडी से अक्षय ऊर्जा मंत्रालय से प्राप्त कर सकते हैं।

डाॅ. अर्चना गोलवलकर ने बताया कि दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में आयोजित किये गये विभिन्न तकनीकी सत्रों के विजेताओं प्रथम सत्र में प्रथम रही डाॅ. विनिता पालीवाल व द्वितीय डाॅ. सुनिता जैन, द्वितीय सत्र में प्रथम पल्लवी गोथलेकर व द्वितीय अर्जुन पाॅल, तृतीय व चतुर्थ सत्र में प्रथम रही डाॅ. आशा अरोरा व द्वितीय डिम्पी सुहालका को पुरूस्कृत किया गया।

पोस्टर प्रतियोगिता में आशीष परमार प्रथम व सूरज शर्मा द्वितीय रहे। समूह निदेशक प्रो. ए.एन. माथुर, प्रो. डी.एस. चुण्डावत ने सभी शोधार्थियों के शोध-पत्रों की प्रशंसा की। निदेशिका डाॅ. सीमा सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी के मंथन की रिपोर्ट विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग को प्रेषित की जाएगी। डाॅ. अर्चना गोलवलकर द्वारा दो दिवसीय संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। अंत में उप-प्राचार्य रक्षा शर्मा द्वारा आभार ज्ञापित किया गया।

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