अंगदान से मानव जीवन बचाने की राह हुई आसान
समय पर अंगदान से अब जीवनदान दिये जाने की राह आसान हो गई है। भारत में प्रतिवर्ष असमय मौत का शिकार हो रहे लोगों का आंकड़ा लगभग पांच लाख है जिनको आधुनिक चिकित्सा तकनीक द्वारा समय पर अंगदान के जरिये बचाया जा सकता है।
समय पर अंगदान से अब जीवनदान दिये जाने की राह आसान हो गई है। भारत में प्रतिवर्ष असमय मौत का शिकार हो रहे लोगों का आंकड़ा लगभग पांच लाख है जिनको आधुनिक चिकित्सा तकनीक द्वारा समय पर अंगदान के जरिये बचाया जा सकता है।
अंगदान से मानवता की सबसे बड़ी सेवा की जा सकती है भारत में लोगों का अंगदान के प्रति नज़रिया उदासीन है। परन्तु इस दिशा में पहल करते हुए राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने ब्रेन डेथ के मरीजों के अंगों का प्रत्यारोपण जरूरतमंदों को समय से किये जाने के लिए नियम बनाया है। अब से किडनी, हार्ट, लीवर आदि के प्रत्यारोपण के लिए मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार आमजन को प्रेरित करेगी।
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एच.आरण्कुड़ी ने बताया कि महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल सीतापुरा, टोंक रोड़ जयपुर को किडनी, हार्ट व लीवर के रिट्राईबल के लिए अधिकार प्रदान किये गये हैं। मानव जीवन को बचाने के लिए आयोग द्वारा की जा रही पहल सराहनीय है व लाखों का भविष्य बचा सकती हैए परन्तु इसके लिए आमजन को भी अपनी सहभागिता देते हुए दुनिया के समक्ष उदाहरण बनना होगा।
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