बाहर पानी की बारीश तो हाॅल में गज़लों एवं सूफी संगीत के सुरों की बारीश का रसिक श्रोताओं ने लिया जमकर आनन्द


बाहर पानी की बारीश तो हाॅल में गज़लों एवं सूफी संगीत के सुरों की बारीश का रसिक श्रोताओं ने लिया जमकर आनन्द

शहर में कल लम्बे अंतराल के बाद बरसे पानी का शहरवासियों ने तो सुखाड़िया आॅडिटोरियम में साहित्य कला संगम सोसायटी की ओर से आयोजित किये गये शाम-ए-गज़ल व सूफी संगीत संध्या कार्यक्रम में बरसे संगीत के सुरों का रसिक श्रोताओं ने जमकर आनन्द लिया। शहर में सड़क पर जंहा पानी बह रहा था तो वहीं […]

 

बाहर पानी की बारीश तो हाॅल में गज़लों एवं सूफी संगीत के सुरों की बारीश का रसिक श्रोताओं ने लिया जमकर आनन्द

शहर में कल लम्बे अंतराल के बाद बरसे पानी का शहरवासियों ने तो सुखाड़िया आॅडिटोरियम में साहित्य कला संगम सोसायटी की ओर से आयोजित किये गये शाम-ए-गज़ल व सूफी संगीत संध्या कार्यक्रम में बरसे संगीत के सुरों का रसिक श्रोताओं ने जमकर आनन्द लिया। शहर में सड़क पर जंहा पानी बह रहा था तो वहीं सुखाड़िया ओडिटोरियम में सुरों की बारीश हो रही थी।

प्रख्यात गज़ल गायक अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत शंकर-गणपति वंदन से की। शायर पारसा जयपुरी  के कलाम ‘जो भी तूझे जाने वफ़ा भूल गये है, वो लोग खुदा को बाखदा भूल गये है..,’ से की। इसके बाद उन्होेंने शायर निदा फाज़ली  के कलाम ‘जाने क्या आपकी आंखों में कहाँ है अन्धे, हमसें आजकल शहर में हर कोई खफा है हमसे..’, शायर कमाल सिद्दकी  के कलाम ‘जिन्दा है इसलिये कि हमे तुमसे प्यार है इसको मिट दो तुम ये तुमहे प्यार है..’ को अपनी आवाज दी तो गज़ल का नया रूप देखने को मिला।

गज़ल गायक मुबंई के सीए राजेश कुमार शर्मा ने अपने कार्यकंम की शुरूआत ‘मैली चादर ओढ़ के कैसे..’, प्रख्यात गज़ल गायक जगजीत सिंह द्वारा शायर निदा फाज़ली के कलाम ‘ये दौलत भी ले लो,शोहरत भी ले लो…’  को राजेश शर्मा ने अपनी आवाज दी तो उन्हें तालियों की भरपूर दाद मिली।

Click here to Download the UT App

सूफी गायन के क्षेत्र में मुकाम हासिल करने वाले राकेश माथुर ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत सूफियाना कलाम ‘दिल के मंदिर में तुझकों बिठाकर यार तेरी पूजा करूंगा…’, ‘साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम..’, ’मोरा पिया घर आया…’, ’तू माने या ना मानें दिलदारा…’ आदि की प्रस्तुति दी तो श्रोता ईश्वर-अल्लाह की इबादत में खो से गये।

इन सभी कलाकारों के साथ तबले पर ओम कुमावत, हारमोनियम पर नारायण गन्धर्व, सितार पर सौरभ देहलवी, ओक्टोपेड पर विजय गन्धर्व, ढोलक पर हेमंत राव, संतूर पर भूपेन्द्र गन्धर्व, की बोर्ड पर बिन्दु वैष्णव ने संगत की।

प्रारम्भ में सोसायटी अध्यक्ष सुनील त्रिवेदी ने अतिथियों विशिष्ठ अतिथि एमपीयूटी के कुलपति डाॅ. उमाशंकर शर्मा, राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एस.एस.सांरगदेवात, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के सचिव महेश कुमार पंवार, मनोज जोशी, डाॅ. प्रदीप कुमावत का स्वागत करते हुए संस्था के उद्देश्यों के बारें में बताया। समारोह में बाॅलीवुड कलाकार क्षितिज कुमार बतौर अतिथि मौजूद थे।

प्रचार-प्रसार मंत्री गजेन्द्रसिंह गुर्जर ने बताया कि समारोह में अतिथियों ने डाॅ. राकेश माथुर द्वारा सूफी संगीत पर लिखित पुस्तक ’सूफी संगीत-शैलीगत सान्दर्य’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. लोकेश जैन ने किया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal