लक्ष्य निर्धारण, संसाधन प्रबन्धन एवं सहभागिता सें ही समग्र विकास
तकनीकी संस्थानों पर देष की सामाजिक-आर्थिक प्रगति एवं समग्र विकास की जिम्मेदारी है। लक्ष्य निर्धारण, संसाधन प्रबंधन एवं सहभागिता से ही इसे जिम्मेदारी को पूर्ण किया जा सकता है।
तकनीकी संस्थानों पर देष की सामाजिक-आर्थिक प्रगति एवं समग्र विकास की जिम्मेदारी है। लक्ष्य निर्धारण, संसाधन प्रबंधन एवं सहभागिता से ही इसे जिम्मेदारी को पूर्ण किया जा सकता है।
यह विचार सोमचार को विद्या भवन पॉलीटेक्निक में “तकनीकी संस्थान प्रबन्धन” विषयक पांच दिवसीय कार्यषाला के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किये गये।
नेषनल इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रैनिंग, भारत सरकार, चंडीगढ़ के द्वारा पॉलीटेक्निक में आयोजित कार्यषाला में प्रो. एस. के. धामेजा ने प्रबन्धन व आयोजना के व्यावहारिक पक्षों तथा डा. यषपाल तनेजा ने मानव प्रबन्धन पर वार्ता प्रस्तुत की।
विद्या भवन के शैक्षणिक सलाहकार कमल महेन्द्रू तथा प्राचार्य अनिल मेहता ने कहा कि किसी भी संस्थान के लिये जरूरी है कि वो समावेषी हो तथा समाज के हर तबके के लिये पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करें। संचालन विभागाध्यक्ष प्रकाष सुन्दरम् ने किया।
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