पद्मावती फिल्म पर विरोध के स्वर बुलंद


पद्मावती फिल्म पर विरोध के स्वर बुलंद

पद्मावती फिल्म के लेकर प्रदेश में घमासान मचा हुआ है। श्री राजपूत करणी सेना, युवा क्रांतिदल, सकल राजपूत महासभा मेंवाड और प्रदेश कांग्रेस समेत कई राजनैतिक सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन हो रहे है। श्री राजपूत करणी सेना  के चीफ लोकेन्द्र सिंह कालवी  ने डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज के विरोध में बंद का एलान किया है। फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है। करणी सेना के चीफ लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा, ''ये जौहर की ज्वाला है, आगे बहुत कुछ जलेगा। रोक सको तो रोक लो। भरोसा दिलात

 
पद्मावती फिल्म पर विरोध के स्वर बुलंद

पद्मावती फिल्म के लेकर प्रदेश में घमासान मचा हुआ है। श्री राजपूत करणी सेना, युवा क्रांतिदल, सकल राजपूत महासभा मेंवाड और प्रदेश कांग्रेस समेत कई राजनैतिक सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन हो रहे है। श्री राजपूत करणी सेना  के चीफ लोकेन्द्र सिंह कालवी  ने डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज के विरोध में बंद का एलान किया है। फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है। करणी सेना के चीफ लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा, ”ये जौहर की ज्वाला है, आगे बहुत कुछ जलेगा। रोक सको तो रोक लो। भरोसा दिलाता हूं कि फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे। गुड़गांव, लखनऊ और अहमदाबाद समेत देशभर में विरोध करेंगे।” उधर, फिल्म एंड टेलिविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन के संयोजक अशोक पंडित ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से फिल्म के लिए सिक्युरिटी मांगी है। श्री राजपुत करणी सेना के प्रधान संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी बुधवार को महाराणा प्रताप के वंशज महाराज कुमार विश्वराज सिंह मेवाड से समोर बाग स्थित उनके निवास पर पदमावती फिल्म को लेकर भेंट की। विश्वराज सिंह मेवाड ने कहा कि पहले के जमाने में तलवार के दम राज किया जाता था अब लोकतंत्र में कलम से राज चलता है। तहजीब, संस्कार और पहनावे से पहचान बनाने वाले राजपूत समाज में अनुशासन कूट- कूट कर भरा हुआ है और जिस दिन यह अनुशासन फेल हो जायेगा वह दिन बहुत भारी होगा। अब समय सिर कटवाने का नही बल्कि वर्तमान में प्रजातंत्र में जितने सिर होंगे उसकी तूती उतनी ही बोलेगी  उन्होने कहा कि मेवाड का इतिहास गौरवशाली  है। यहा कई रण बांकुरे हुए है इस गौरवशाली इतिहास के साथ की जा रही छेडछाड को बर्दाश्त नही किया जायेगा। राजघरानों में रानीयों के नाचने की परम्परा नही थी। पद्मावती फिल्म में घुमर गाने में नृत्य करते हुए दिखाया गया है इसे बर्दाश्त नही किया जायेगा। पूर्वजों के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करना इतिहास के साथ खिलवाड़ करना है। इस अवसर पर लोकेन्द्र सिंह कालवी, महिपाल सिंह मकराना, शक्ति सिंह बांदीकुई, जितेन्द्र सिंह कारंगा, प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह ताल, प्रदेश कोर कमेटी के डॉ जय सिंह जोधा, सम्भाग महासचिव भूपेन्द्र सिंह भीमडियास, देवेन्द्र सिंह फलीचडा, कुन्दन सिंह कच्छेर, गोटु- बाठेडा, उपस्थित थे। ।

नहीं चलने देंगे पद्मावती फिल्म – युवा क्रांतिदल

युवा क्रांति संगठन की बुधवार को संस्थापक आकाश बागरेचा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पद्मावति फिल्म का पुरजोर से विरोध किया गया। जिलाध्यक्ष विजय सिंह बल्ला ने बताया कि आगामी दिनों में युवा क्रांति की ओर से वाहन रेली निकाल फिल्म के प्रति विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। बैठक में महामंत्री सुरजभान खेरलिया, अध्यक्ष योगेश वैष्णव, जयवीर सिंह, हरेन्द्र प्रताप सिंह, सुरज भगोरा, राहुन मीणा सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

पद्मावती फिल्म के विरोध में कराये हस्ताक्षर अभियान का पर्दा अतिरिक्त जिला कलक्टर को सौपा

मेवाड की महारानी पद्मिनी के जीवन पर आधारित संजय लीला भंसाली की फिल्म पदमावती के खिलाफ सकल राजपूत महासभा मेंवाड की ओर से आम जन की ओर से कराये हस्ताक्षर अभियान का पर्दा अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सौपा गया। संस्थापक तनवीर सिंह  कृष्णावत देहात अध्यक्ष गोपाल सिंह तितरडी, उपसरपंच राजेन्द्रसिंह सिसोदिया, प्रेम सिंह तितरडी, मनोहर सिंह, सूर्यवीर सिंह कोटडा, सोहन सिंह, भेरूसिंह दांतीसर, जवान सिंह जावद, डाॅ. घनश्याम सिंह भीण्डर, कृष्णकांत कुमावत सहित कार्यकर्ताओं उपस्थित थे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य पूर्व नेता प्रतिपक्ष दिनेश श्रीमाली ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी को पत्र लिख कर विवादित पदमावती फिल्म पर रोक लगाने की मांग की । श्रीमाली ने कहा की मेवाड़ की रानी सतीत्व के गौरवशाली इतिहास की पहचान रानी पदमावती पर फिल्म प्रसारित हो रही है, रानी पदमावती केवल इतिहास के पन्नों में ही नहीं दर्ज है उनका जौहर मेवाडवासियोे की जनभावना से भी जुडा है पर जिस प्रकार इस फिल्म पर विवाद गहराता जा रहा है और चैतरफा सामजिक संगठनो का विरोध हो रहा है तो इसमें जरुर संदेह गहराता है की इस फिल्म में निर्माता-निर्देशको ने इतिहास से छेड़छाड़ कर रानी पदमावती को गलत तरीके से पेश किया हो ।

रानी पद्मावती मेवाड़ की आन-बान-शान की रक्षा के लिए 16 हजार पतिव्रत महिलाओ के साथ अपने पतिव्रता होने का प्रमाण देते हुए जलती आग में कुद जौहर कर सती हुयी । उनके अनुसार दुश्मनों के हाथ लगने से बेहतर जौहर करना ही था। आज भी रानी पद्मावती एवं मेवाड़ की महिलाओ के जौहर की बात को लोग गर्व से याद करते है। जिन्होंने दुश्मनों के साथ रहने की बजाये स्वयं को आग में न्योछावर करने की ठानी थी। राणी पद्मिनी के बलिदान को इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है और इतिहास से छेड़छाड़ कर इस प्रकार की फिल्म बताने से आने वाली पीढियों और समाज में मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास के संबंध में गलत सन्देश जाएगा। पत्र में सरकार से मांग करी की जनभावना को ध्यान में रख कर मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास देखते हुए पुरे राजस्थान में इस  फिल्म पर रोक लगाई जावे जिससे कानून व्यवस्था बनी रहे और जनभावना को कोई ठेस न पहुचे ।

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