पंच बोले- असरदार हो सामाजिक अंकेक्षण


पंच बोले- असरदार हो सामाजिक अंकेक्षण

"महानरेगा का सामाजिक अंकेक्षण असरदार हो और खानापूर्ति बन्द हो ताकि गाँवों में वाकर्इ विकास हो सके" - विधा भवन स्थानीय स्वशासन एवं उत्तरदायी नागरिकता संस्थान की ओर से गोगुन्दा पंचायत समिति सभागार में शुक्रवार (1 मार्च 2013) को पंचायत मेले का आयोजन किया गया, जिसमें पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों की ओर से ये विचार उभर

 

पंच बोले- असरदार हो सामाजिक अंकेक्षण

“महानरेगा का सामाजिक अंकेक्षण असरदार हो और खानापूर्ति बन्द हो ताकि गाँवों में वाकर्इ विकास हो सके” – विधा भवन स्थानीय स्वशासन एवं उत्तरदायी नागरिकता संस्थान की ओर से गोगुन्दा पंचायत समिति सभागार में शुक्रवार (1 मार्च 2013) को पंचायत मेले का आयोजन किया गया, जिसमें पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों की ओर से ये विचार उभरकर आए।

खुले सत्र में पंचों ने नियमानुसार हर छह माह में अंकेक्षण की बजाए डेढ़ साल बाद अंकेक्षण होने पर सवाल उठाए। कुछ जगह सामाजिक अंकेक्षण मंच के सदस्यों द्वारा बिना मौका देखे सत्यापन करने तथा कुछ ग्राम सभाओं में कोरम पूरा नहीं होने की बात कही गर्इ।

जनप्रतिनिधियों ने पंचायत समिति के अधिकारियों से सामाजिक अंकेक्षण की वीडियोग्राफी को देखने तथा अंकेक्षण को प्रभावी बनाने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया। जसवन्तगढ़ के पंच हीरालाल प्रजापत ने सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रियागत कमियों को इनिगत करते हुए अधिकतम पक्षों के प्रतिनिधित्व वाला मंच बनाने का सुझाव दिया।

पंच बोले- असरदार हो सामाजिक अंकेक्षण

इसके अलावा तिरोल के पंच जोधसिंह ने धोरा निर्माण को पूर्ण कराने, मजावद के पंच प्रेमचन्द मेघवाल ने व्यकितगत काम में धोरा निर्माण नहीं होने, मोड़ी के पंच लेहरीलाल ने स्कूल में मध्याहन भोजन ठीक से नहीं होने, ओबरा कलाँ के पंच र्इश्वरलाल ने राशन टिकटों की कमी पर ध्यान आकर्षित किया। अधिकारियों ने उचित कार्रवार्इ का आश्वासन दिया।

जनप्रतिनिधियों ने सचिवों की कमी को भी काम में कठिनार्इ का कारण बताया। उन्होंने अपने द्वारा किए सकारात्मक प्रयासों का भी उल्लेख किया, इनमें रावलिया कलाँ की पंच जमनीबार्इ ने स्कूल व आँगनवाडि़यों के नियमित अवलोकन से सुधार की बात कही। विकास अधिकारी अतुल कुमार जैन ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही बताया कि सामाजिक अंकेक्षण में पारदर्शिता के लिए अन्य ग्राम पंचायत के लोगों को भी शामिल किया गया है।

सहायक अभियन्ता चन्द्रेश अग्रवाल ने महानरेगा के काम में गुणवत्ता के मददेनज़र तकनीकी बातों की जानकारी दी, जैसे कि पहाड़ी क्षेत्र में समतलीकरण के समय ढाल को पहाड़ी की ओर रखना चाहिए।

ब्लाक शिक्षा अधिकारी पवन कुमार रावल व अतिरिक्त शिक्षा अधिकारी वासवदत्ता तिवारी ने शिक्षा से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिक्षा का हक अभियान में विधा भवन के दल ने 86 विधालयों का सर्वे किया जिनमें कर्इ दुर्गम क्षेत्रों में स्थित हैं।

मेले के तहत महिला सम्मेलन में महिला जनप्रतिनिधियों को योजनाओं की जानकारी दी गर्इ। इससे पूर्व संस्थान के सह-निदेशक हेमराज भाटी ने चयनित 12 ग्राम पंचायतों में सघन कार्य की जानकारी दी। उन्होंने व्यवस्थागत सुधार के लिए स्थार्इ समितियों व एस.एम.सी. की बैठकें नियमित करने का आग्रह किया।

मेले में महानरेगा और ग्राम सभा पर डाक्यूमेन्ट्री दिखायी गयी। संस्थान की त्रैमासिक पत्रिकाओं पंचायत परिवार व महिला शक्ति में प्रकाशित मुददों पर चर्चा हुर्इ। मेले का संचालन सिमता श्रीमाली व महिला सम्मेलन का संचालन सिम्पल जैन ने किया।

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