हिन्दुस्तान जिंक एवं सृजन द स्पार्क का दो दिवसीय ’’जश्न-ए-परवाज’’ में पंकज उधास की ग़ज़लों से सजेगी शाम

हिन्दुस्तान जिंक एवं सृजन द स्पार्क का दो दिवसीय ’’जश्न-ए-परवाज’’ में पंकज उधास की ग़ज़लों से सजेगी शाम

सृजन द स्पार्क संस्था द्वारा हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से इस वर्ष आयोजित होने वाले ‘‘एक सकून जश्न ए परवाज़‘‘ कार्यक्रम के बारे में यशद भवन में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक कला और संगीत को बढ़ावा देने के लिए हमेशा आगे रहा है।

 

हिन्दुस्तान जिंक एवं सृजन द स्पार्क का दो दिवसीय ’’जश्न-ए-परवाज’’ में पंकज उधास की ग़ज़लों से सजेगी शाम

सृजन द स्पार्क संस्था द्वारा हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से इस वर्ष आयोजित होने वाले ‘‘एक सकून जश्न ए परवाज़‘‘ कार्यक्रम के बारे में यशद भवन में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक कला और संगीत को बढ़ावा देने के लिए हमेशा आगे रहा है।

वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल, स्मृतियां और सृजन द स्पार्क जैसे राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से किया जाता रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि लेकसिटी की पहचान यहां की संस्कृति के साथ-साथ संगीत के लिए विश्वविद्यालय से हो जिसके लिए सभी कलाप्रेमी संस्थाएं मिल कर कार्य करें जिससें कला, कलाकारों और कार्यक्रम एवं उदयपुर को विश्वस्तरीय पहचान मिल सकें। उन्होंने कहा कि हावर्ड जैसी यूनिवर्सिटी संगीत के लिए उदयपुर में हो जोे कि विश्व में उदयपुर को प्लेटफार्म प्रदान करें।

हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य वित्तिय अधिकारी अमिताभ गुप्ता ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक कला और साहित्य के लिए अपनी जिम्मदारी निभाने के लिए हमेशा से अग्रणी रहा हैं उन्होंने कहा कि जिस तरह जयपुर की पहचान लिटरेचर फेस्टिवल के लिए है उसी प्रकार उदयपुर संगीत का मुख्य केन्द्र बने।

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देश के प्रसिद्ध संगीतकार आनन्द मिलिन्द को इस वर्ष हिन्दुस्तान जिंक सृजन पुरस्कार 2018 से नवाजा जाएगा। इनके साथ ही राजस्थान सहित देश में साहित्य, संगीत एवं कला के लिये अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले 7 अन्य व्यक्तियों एवं संस्थाओं को भी इस बार पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा। 28 सितंबर को सायं 7.45 बजे, लोककला मंडल में आयोजित होने वाले एक सुकून जश्न ए परवाज कार्यक्रम में विख्यात गज़ल गायक पंकज उधास  अपनी प्रस्तुती देगें।

सृजन द स्पार्क के अध्यक्ष पीएस तलेसरा ने बताया कि गज़ल, शास्त्रीय संगीत एवं गायन के जरियें भारतीय संस्कृति की धरोहर को संजोये रखने के उद्देश्य से गठित की गई इस संस्था द्वारा स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये है। संस्था द्वारा अब तक तीन बार राष्ट्रीय मुशायरा आयोजित किया गया जिसमें ख्यातनाम शायरों ने भाग लिया है। संस्था के 2015 में आयोजित पहले कार्यक्रम में प्रख्यात गायक रूपकुमार राठौड़ एवं दूसरे वर्ष 2016 में शैलेश लोढ़ा, 2017 में देश के प्रसिद्ध संगीतकार आनन्द जी (कल्याण जी आनंद जी) को सम्मानित किया जा चुका है।

‘एक सुकून जश्न ए परवाज़‘ के सचिव अब्बास अली बंदूक वाला ने कहा कि हिन्दुस्तान ज़िंक सृजन अवार्ड हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से दिया जाता है जिसमें एक लाख रूपये की राशि दी जाती है जो इस वर्ष संगीतकार आनंद मिलिन्द की प्रसिद्ध जोड़ी को प्रदान किया जाएगा। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी साहित्य कला एवं संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों एवं संस्थाओं कला प्रेरक अवार्ड दिये जा रहे हैं जिनमें सृजन आमीर खुसरों अवार्ड नई दिल्ली के गालिब इंस्टीट्यूट को, सृजन वीडी पालुस्कर अवार्ड चित्तौडगढ़ की मीरा कला संस्थान, सृजन खेमचंद प्रकाश अवार्ड दुबई के कस्तुब पिंगल को, सृजन औंकारनाथ ठाकुर अवार्ड मुबंई के पण्डित भवदीप जयपुरवाले, सृजन कोमल कोठारी अवार्ड उदयपुर के रियाज़ ए तहसीनमास्टर मदन अवार्ड, जावरा मध्यप्रदेश के अहमद रज़ा को दिया जाएगा।

कार्यक्रम संयोजक जीआर लोढ़ा ने प्रेसवार्ता में सृजन द स्पार्क द्वारा संगीत के लिए शुरू की जाने वाली अकादमी एवं योजना के बारे में जानकारी दी।

‘‘सृजन द स्पार्क’’ ‘‘एक सुकून जश्न ए परवाज़ 2018‘‘ की अध्यक्षता हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनील दुग्गल ने की। प्रेसवार्ता में हिन्दुस्तान जिंक के हेड कार्पोरेट अफेयर्स प्रवीण कुमार जैन, सृजन द स्पार्क के सदस्य उमेश मनवानी, अन्य पदाधिकारी सहित हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रवेष निःशुल्क परंतु निमंत्रण पत्र द्वारा होगा।

हिन्दुस्तान जिंक के हेड कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक सामाजिक कार्यक्रमों में अपनी पूर्ण सहभागिता के साथ ही अपनी संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए अग्रसर रहा है जश्न ए परवाज़ का चौथा संस्करण इस ओर अगला कदम है।

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