स्मार्ट विलेज बनाने में ग्रामीण आत्मीय सहभागिता निभाएं – श्री कल्याण सिंह
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याणसिंह ने ग्राम्य विकास के लिए ग्रामीणों की जागरुकता एवं अधिकाधिक सहभागिता पर बल दिया है और कहा है कि अपने गांव को स्मार्ट विलेज बनाने में समर्पित भावना से आगे आएं और ग्राम्य विकास में लोक सहभागिता का प्रेरणादायी आदर्श सामने लाएं।
राज्यपाल ने उदयपुर जिले के उण्डीथल में ग्राम्य संगोष्ठी में किया आह्वान
कृषि एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याणसिंह ने ग्राम्य विकास के लिए ग्रामीणों की जागरुकता एवं अधिकाधिक सहभागिता पर बल दिया है और कहा है कि अपने गांव को स्मार्ट विलेज बनाने में समर्पित भावना से आगे आएं और ग्राम्य विकास में लोक सहभागिता का प्रेरणादायी आदर्श सामने लाएं।
राज्यपाल ने गुरुवार को उदयपुर जिले के गोगुन्दा क्षेत्र अन्तर्गत छाली ग्राम पंचायत अन्तर्गत महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा आदर्श ग्राम स्मार्ट विलेज परियोजना में गोद लिए गए उण्डीथल गांव में ग्रामीणोें की चर्चा संगोष्ठी में बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों से यह आह्वान किया।
राज्यपाल ने कृषि एवं प्रौद्योगिकी तथा इससे संबद्ध गतिविधियों पर भव्य प्रदर्शनी का फीता ग्रंथि खोलकर उद्घाटन किया और प्रदर्शित सामग्री, मॉडल्स,चार्ट्स, छायाचित्रों आदि के बारे में जानकारी ली।
किसानों को स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए
राज्यपाल ने तीन किसानों नेमीचंद, बाबुपुरी व लालू गमेती को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया। उन्होंने किसानों को सिरोही के बिजू नस्ल के बकरे वितरित किये।
पुस्तक व फोल्डर विमोचन
राज्यपाल ने महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित फोल्डर ‘ आदर्श गांव (स्मार्ट विलेज) परियोजना‘‘ तथा पुस्तक‘‘कृषक परिवारों की सेवार्थ‘‘ का विमोचन किया।
छाली क्षेत्र में भी इन्हें अपनाएं
राज्यपाल को नंदलाल व प्रगतिशील किसानों ने किन्नू, आंवला, शरबत, स्ट्रोबेरी आदि उत्पाद भेंट किए। इस पर राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर परमेन्द्र कुमार दशोरा से कहा कि छाली ग्राम पंचायत क्षेत्र में इनका उत्पादन किया जाए। प्रोफेसर दशोरा ने इस पर सहमति जतायी व विश्वविद्यालय अधिकारियों से इसका सूत्रपात करने के निर्देश दिए।
बेहतर परिणाम आए हैं
राज्यपाल ने कहा कि स्मार्ट विलेज बनाने की दिशा में प्रदेश के 25 सरकारी विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए गांवों में बहुआयामी विकास का नया दौर आरंभ हो चुका है और इन गांवों की तस्वीर बदलने लगी है। इस पहल में अब तक अच्छे परिणाम आए हैं।
गांवों का विकास ही देश का विकास
उन्होंने कहा कि गांवों का विकास प्राथमिकता पर होना चाहिए, इसी से देश का समग्र विकास संभव है। गांव महत्वपूर्ण इकाई है और इसे देखकर ही गांवों को आदर्श बनाने का अभियान आरंभ किया गया है। उन्होंने उदयपुर से 54 किलोमीटर की दूरी पर अन्तरंग बसे उण्डीथल गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने गोद लिए जाने के लिए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेन्द्रकुमार दशोरा को बधाई दी और कहा कि उन्होंने इतनी दूरी पर असली गांव को चुना है जो परिवर्तन लाने के उनके दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
साक्षरता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय पहल करे
राज्यपाल ने गांव में पुरुष-महिला अनुपात को ठीक बताया लेकिन साक्षरता, खासकर स्त्री साक्षरता प्रतिशत को चिन्ताजनक बताते हुए शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई और विश्वविद्यालय प्रबन्धन को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय के छात्रों को लगाकर यहां निरक्षरता उन्मूलन के इस तरह प्रयास करें कि इन ग्रामीणों को अत्यन्त जरूरी पढ़ाई-लिखाई की आरंभिक समझ प्राप्त हो सके। विशेषकर महिला शिक्षा को उन्होंने स्वाभिमान और सम्मान से जोड़ते हुए गांव की महिलाओं से आगे आकर पढ़ने-लिखने को कहा।
गांव के विकास की सामूहिक सोच बनाएं
बालिका भ्रूण हत्या को उन्होंने सबसे बड़ा पाप बताते हुए इससे दूर रहने की अपील की। उन्होंने ग्रामीण स्त्री-पुरुषों से कहा कि वे महीने में एक घण्टा निकालकर सामूहिक विकास का चिन्तन करें और गांव को तरक्की प्रदान करने की सोचे तथा मिल-जुलकर काम करें।
हर घर में शौचालय जरूर हो
राज्यपाल ने ग्रामीणों से कहा कि वे यह भी संकल्प लें कि उनके गांव में कोई घर ऎसा नहीं रहेगा जहाँ शौचालय न हो। शौचालय नहीं होने की स्थिति में घर की महिलाओं में दिन भर हाजत के प्रेशर से कई प्रकार की बीमारियां पैदा होती हैं।
ग्राम्य संस्कृति ने किया भावविभोर
राज्यपाल को उण्डीथल में ग्रामीणों से सीधे संवाद, ग्रामीणों द्वारा स्वागत तथा माधुर्यपूर्ण एवं बेबाक अभिव्यक्ति ने बेहतर भावविभोर कर दिया। उन्हाेंने कहा कि गांव की सभ्यता, संस्कृति और सहज स्वभाव आदि ने इतना प्रभावित किया है कि इनके कदम चूमने को जी करता है, वे यहां आकर अत्यन्त प्रसन्न हुए हैं। उन्होंने यात्रा और विश्वविद्यालय के कार्यों को यादगार बताया और ग्रामीणों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
जनवरी में होगी चौपाल
राज्यपाल ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी व इनके समाधान के दो रास्ते बनाए। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे अपनी हर समस्या को अलग-अलग कागज पर लिखकर राजभवन को भेजें ताकि राज्य स्तर से इनके समाधान की कार्यवाही हो सके।
राज्यपाल ने ग्रामीणों को बताया कि जनवरी माह के तीसरे या चौथे सप्ताह में जिला प्रशासन उण्डीथल गांव में चौपाल लगाएगा जिसमें जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित तमाम महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद रहकर एक-एक समस्या सुनेंगे और जिला स्तर पर निस्तारित हो सकने वाली सभी समस्याओं का निराकरण करेंगे। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देशित कर दिया है।
लोक संस्कृति की झलक और गायन ने किया अभिभूत
राज्यपाल श्री कल्याणसिंह लोक संस्कृति का दिग्दर्शन कर बेहद अभिभूत हुए। लोक कलाकार अमराराम एवं पार्टी ने लोकवाद्यों की स्वर लहरियों पर गवरी नृत्य पेश कर आकर्षण बिखेरा।
ग्राम्य महिला वेणी बाई ने महाराणा प्रताप की गाथा पर केन्दि्रत मेवाड़ी गीत ‘‘महाराणा प्रताप का ये घुड़ीला घूमे हो ये हल्दी घाटी में’’ सुनाकर मुग्ध कर दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में महिलाओं ने तरन्नुम में समवेत स्वर में मेवाड़ी गीत सुनाए।
राज्यपाल ने ग्रामीणों से किए सवाल-जवाब, किसानों ने अनुभव सुनाए
राज्यपाल ने वहां उपस्थित ग्रामीणों से गांव, घर-गृहस्थी, रहन-सहन, परिवेशीय बदलाव के बारे में सवाल पूछे और उनके अनुभव जाने। ग्रामीण स्त्री-पुरुषों एवं स्कूली बालिकाओं ने विभिन्न समस्याएं रखीं, विकास की जरूरतों के बारे में बताया। राज्यपाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में बुराइयों के निराकरण, शिक्षा की स्थिति आदि के बारे में जानकारी ली।
राज्यपाल को छात्रावासी बालिकाओं ने आँवले भेंट किए
कार्यक्रम में राजकीय जनजाति आश्रम छात्रावास छाली की बालिकाओं ने अपने छात्रावास परिसर में खुद की मेहनत से उगाये गए आँवलों से भरी टोकरी भेंट की। इन बालिकाआेंं ने पुष्पगुच्छ भेंट कर राज्यपाल का स्वागत किया।
राज्यपाल ने भरपूर स्नेह दर्शाते हुए बालिकाओं को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि छात्रावासी बालिकाओं के परिवारजनों की स्मृति में स्मृति वन स्थापित किया गया है जहाँ विभिन्न प्रजातियों के छायादार एवं फलदार वृक्ष लगाए हुए हैं। यह आँवले भी उसी स्मृति वन की उपज हैंंं।
राज्यपाल ने दिलायी सौगंध
राज्यपाल कल्याण सिंह ने इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीण स्त्री-पुरुषों को शपथ दिलायी कि वे अपने बेटे-बेटियों को पढ़ाएंगे-लिखाएंगे, बिना पढ़ा-लिखा नहीं छोड़ेंगे।
सुनहरे भविष्य के लिए बताए मंत्र
राज्यपाल ने ग्रामीणों को सुनहरा भविष्य पाने के लिए मंत्र बताए व कहा कि इन्हें साध लें तो एक वर्ष के भीतर खुद बोलने लगेंगे कि गांव स्मार्ट हो गया है। राज्यपाल ने इसके लिए गांव को नशा मुक्त, सब प्रकार का जुआ मुक्त, मुकदमा मुक्त, निरक्षरता मुक्त व अपराध मुक्त बनाने के मंत्रों का संकल्प लेने को कहा।
डेयरी से जुड़ें
राज्यपाल ने किसानों से कहा कि वे आजीविका के लिए खेती के ही भरोसे न रहें बल्कि पशुपालन, दुग्ध उत्पादन अपनाकर डेयरी से जुड़े, चरागाह विकास प्रवृति हाथ में लें। इसके साथ ही कोई न कोई छोटा-मोटा धंधा भी शुरू करें।
25 लाख से शुरू करें विकास
राज्यपाल ने क्षेत्रीय सांसद अर्जुनलाल मीणा द्वारा सांसद मद में 15 लाख व गोगुन्दा विधायक प्रताप लाल भील द्वारा विधायक मद में 10 लाख की धनराशि की घोषणा पर प्रसन्नता जाहिर की व उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति दशोरा से कहा कि वे इससे ग्रामीण विकास की योजना बनाकर सदुपयोग करें।
महाराणा प्रताप की तस्वीर पाकर गदगद हुए राज्यपाल
कार्यक्रम के अंत में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर परमेन्द्र कुमार दशोरा ने प्रतीक चिह्न के रूप में महाराणा प्रताप को चित्र भेंट किया तब चित्र छूते ही राज्यपाल अत्यंत गद्गद् हो उठे। उन्होंने तीन बार महाराणा प्रताप के पाँव छूकर माथे पर लगाया व श्रद्धापूर्वक नमन किया।
कृषि क्षेत्र में नवाचार अपनाएँ
क्षेत्रीय सांसद अर्जुनलाल मीणा ने किसानों ने उन्नत खेती के लिए अत्याधुनिक तकनीक, नवाचारों तथा कृषि वैज्ञानिकाेंं की राय अपनाने का आह्वान किया व इसके लिए कृषि विभाग व वैज्ञानिकों से निरंतर संपर्क बनाए रखने की सलाह दी। सांसद ने कहा कि किसानों को चाहिए कि वे हर प्रकार से लाभदायी, वाणिज्यिक व फल-सब्जियों की ऎसी खेती करें जिसमें छोटी-छोटी जोतों में कम खर्च में अधिक से अधिक पैदावार ली जा सके। सांसद मीणा ने विश्वविद्यालय से कहा कि वे भूमिगत फसलों की बीमारियों के कारण तलाशें तथा परंपरागत रूप से उन्नत रही कंदमूल खेती को बढ़ावा दें। इसके लिए मिट्टी परीक्षण भी कराएं। सांसद ने केन्द्र की योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान भी किया।
परंपरागत खेती बचानी जरूरी
गोगुन्दा विधायक प्रतापलाल भील ने गोगुन्दा क्षेत्र में जमीन के भीतर होने वाली कंद अदरक, हल्दी, रतालू, शलगम आदि फसलों की खेती में बीमारियों की वजह से आ गई कमी को देखते हुए इन फसलों को बचाने के लिए विश्वविद्यालय से विशेष ध्यान देने की अपील की।
उन्होंने क्षेत्र में अत्यधिक बारिश के बावजूद पानी बहकर चले जाने की स्थिति में पर्याप्त जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण, धोली घाटी से पलेवा घाटी तक सड़क पक्की कराने, खनन क्षेत्र में भारी वाहनों की वजह से खस्ताहाल सड़क को ठीक कराने की आवश्यकता जताई।
उन्होंने बताया कि गोगुन्दा को अनुसूचित जनजाति उपयोजना क्षेत्र में शामिल करने के प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि गोगुन्दा क्षेत्र में 26 करोड़ की लागत से 500 की क्षमता वाला आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा। इसके लिए 12 करोड़ की पहली किश्त जारी हो चुकी है। इसमें250 छात्र व 250 छात्राओं के अध्ययन की सुविधा मुहैया होगी।
सरपंच थावरी देवी ने ग्रामीण विकास के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की और गांव के लिए जरूरी सुविधाओं व सेवाओं की उपलब्धता के लिए राज्यपाल से आग्रह किया। निदेशक(प्रसार) डॉ. आई.जी. माथुर ने गांव में आए बदलाव के बारे में जानकारी दी।
उण्डीथल में उगा नया सूरज
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेन्द्र कुमार दशोरा ने राज्यपाल एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया और मेवाड़ी में स्वागत भाषण देते हुए कहा कि उण्डीथल गांव में नया सूरज उगा है, स्मार्ट विलेज की नई सोच आकार ले रही है, क्षेत्र में कृषि और उद्यानिकी और विकास के सुनहरे आयाम पनपे हैं। उन्होंने महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों एवं भावी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
आरंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेन्द्र कुमार दशोरा, विधायक प्रतापलाल भील, सरपंच श्रीमती थावरी देवी, बाबूलाल, वयोवृद्ध ग्रामीण चतरा बा आदि ने राज्यपाल का स्वागत किया। अन्त में आभार प्रदर्शन की रस्म निदेशक (अनुसंधान) डॉ. जी.एस.आमेटा ने अदा की।
इस अवसर पर राजभवन के विशेषाधिकारी ए.के. पाण्डे, परिसहाय सुरेन्द्र, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अविचल चतुर्वेदी, उपखण्ड अधिकारी सत्यनारायण आचार्य, पुलिस उपाधीक्षक रानू शर्मा, प्रधान पुष्कर तेली, उप प्रधान पप्पू राणा सहित जिला प्रशासन, विश्वविद्यालय एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा ब्लॉकस्तरीय अधिकारीगण, गणमान्य नागरिक तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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