मूँगफली का छिलका निकाल बचाई मासूम की जान
कई बार खान-पान की ऐसी वस्तुएं होती हैं जो गले में फंसने से मासूमों की जान चली जाती है जैसे काजू, मँूगफली आदि जिनका माता-पिता को खास ध्यान रखना चाहिए। हाल ही में ऐसा एक मामला गीतांजली हॉस्पिटल में आया है जिसमें बच्चे की श्वास नली में मँूगफली का छिलका अटकने से जान पर बन
कई बार खान-पान की ऐसी वस्तुएं होती हैं जो गले में फंसने से मासूमों की जान चली जाती है जैसे काजू, मँूगफली आदि जिनका माता-पिता को खास ध्यान रखना चाहिए। हाल ही में ऐसा एक मामला गीतांजली हॉस्पिटल में आया है जिसमें बच्चे की श्वास नली में मँूगफली का छिलका अटकने से जान पर बन आई।
उसके बाद तुरंत उसे एक अस्पताल में भर्ती किया गया जहां से उसे हायर सेंटर पर रेफर किया गया और गीतांजली हॉस्पीटल में भर्ती के बाद आँख, नाक, गला विभाग के डॉ वी.पी गोयल ने आठ महिने के गौतम का एन्डोस्कोपी द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर सांस की नली में अटके छिलके को निकाला।
ई.एन.टी विभाग के विशेषज्ञ डॉ गोयल ने बताया कि भीलवाड़ा निवासी गौतम(8 माह) पुत्र भगवान रेगर एवं सीता रेगर के सांस की नली में बारह दिन पूर्व लगभग (1.5 सेमी से 2 सेमी) का मूंगफली का छिलका फंस गया था जो कि बच्चों की श्वास नली के अनुसार काफी बड़ा होता है और इसकी वजह से उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके चलते वह दूसरे अस्पताल में भर्ती था जहां विभिन्न जांचों के बाद उसे हायर सेन्टर पर रेफर करने की सलाह दी गई।
उन्होंने बताया कि यदि छिलका फंसा रहता तो वह श्वास नली में ही फूल जाता जिसकी वजह से जान भी जा सकती थी। अंततः गीतांजली हॉंिस्पटल मे भर्ती के पश्चात् ऑपरेशन के दौरान एन्सिथिसिया देकर चले आधे घंटे के ऑपरेशन में डॉ गोयल एवं डॉ एस.एस जैतावत की टीम ने एन्डोस्कोपी द्वारा सफल उपचार कर बच्चे को स्वस्थ एवं सुरक्षित घोषित किया।
एन्डोस्कोपी ऐसी प्रकिया है जिसमें दुरबीन द्वारा श्वासनली में देखा जाता है। इस ऑपरेशन में दो मिनट तक श्वास को रोका गया और उसी दौरान एन्डोस्कोपी की गई ताकि बच्चे की जान को कोई खतरा न हो। बारह दिनों तक परेशान गौतम को गीतांजली हॉस्पीटल के डॉक्टर्स ने भर्ती केे डेढ़ घंटे के भीतर ठीक किया।
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