आधुनिकता के दौर में युवा अपनी सामाजिक परंपरा और रीति-रिवाजों से दूर होते जा रहे हैं। ऐसे में अपनी भावी पीढ़ी को समाज की परंपराओं से जोड़ने के लिए सेमा गांव के लोगों ने अनूठा प्रयास शुरू किया है। जिससे अपनी भावी पीढ़ी को गांव की परंपरा से जोड़ सके।
दरअसल सेमा गांव के लोगो मे आपसी सद्भाव बना रहे इसके लिए वर्षों से गांव में पारंपरिक फूलडोल नृत्य करने की परंपरा है। लेकिन समय अभाव में युवा पीढ़ी इस नृत्य में अपनी भागीदारी नहीं निभा पा रही थी। ऐसे में फूलडोल नृत्य से युवाओं को जोड़ने के लिए गांव के लोगो ने एक नई शुरुआत की।
सेमा गांव से ठाकुरजी की पालकी को धूमधाम से उदयपुर लाया जाता है। उसके बाद समाज के सभी युवा महालक्ष्मी मंदिर प्रांगण में स्थित समाज के भवन में फूलडोल नृत्य करते है। इस नृत्य में सभी लोगो पारंपरिक वेशभूषा में यह नृत्य करते है। जिसमे बड़ी संख्या में महिला और पुरुष भाग लेते है।
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