‘श्वास व हृदय रोगियों में फिजियोथैरेपी महत्वपूर्ण: डॉ अन्नामल्लाई’
डॉ अन्नामल्लाई ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से श्वास एवं हृदय संबंधी रोग जैसे अस्थमा, बाय पास, कार्डियक रोग, पोस्ट ऑपरेटिव केयर आदि का फिजियोथैरेपी चिकित्सक अभ्यास द्वारा इलाज पर संक्षिप्त विवरण दिया। साथ ही उन्होंने फिजियोथैरेपी द्वारा रोगियों की योग्यता सुधारने की बात कही। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान के दिशा निर्देशो के अनुसार अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने फिजियोथैरेपी का गहन चिकित्सा ईकाई में श्वास व कार्डियक रोगियों की देखभाल हेतु महत्व बताया। उन्होंने फिजियोथैरेपिस्ट को गहन चिकित्सा ईकाई में ‘क्या करें व क्या न करें’ का आकलन एवं रोगियों का मूल्यांकन करना भी बताया। उन्होंने इस कार्यशाला को निरंतर चिकित्सा शिक्षा एवं व्यक्तिगत प्रशिक्षण के माध्यम से विस्तार से अपनी बात प्रस्तुत की।
The post
गीतांजली कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी एवं फिजियो एलायंस सोल्यूशन के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय कार्यशाला का समापन समारोह गीतांजली सभागार में हुआ। इस कार्यशाला का विषय ‘बेसिक हृदय एवं श्वास पुनर्वसन’ था। इस कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य वक्ता एचपीसी-यूके आईएससीपी आयरलैंड के सदस्य डॉ के एम अन्नामल्लाई, गीतांजली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार भुपेंद्र मंडलिया एवं गीतांजली कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी के प्रिंसिपल डॉ पल्लव भटनागर द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ। कार्यशाला के पहले दिन डॉ पल्लव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य वक्ता डॉ अन्नामल्लाई ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से श्वास एवं हृदय संबंधी रोग जैसे अस्थमा, बाय पास, कार्डियक रोग, पोस्ट ऑपरेटिव केयर आदि का फिजियोथैरेपी चिकित्सक अभ्यास द्वारा इलाज पर संक्षिप्त विवरण दिया। साथ ही उन्होंने फिजियोथैरेपी द्वारा रोगियों की योग्यता सुधारने की बात कही। उन्होंने चिकित्सा विज्ञान के दिशा निर्देशो के अनुसार अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने फिजियोथैरेपी का गहन चिकित्सा ईकाई में श्वास व कार्डियक रोगियों की देखभाल हेतु महत्व बताया। उन्होंने फिजियोथैरेपिस्ट को गहन चिकित्सा ईकाई में ‘क्या करें व क्या न करें’ का आकलन एवं रोगियों का मूल्यांकन करना भी बताया। उन्होंने इस कार्यशाला को निरंतर चिकित्सा शिक्षा एवं व्यक्तिगत प्रशिक्षण के माध्यम से विस्तार से अपनी बात प्रस्तुत की।
डॉ पल्लव ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य रोगी की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार लाना था। साथ ही विद्यार्थियों को नैतिक फिजियोथैरेपी देखभाल, सावधानी, अद्यतन, मानकों को आगे बढ़ाना और नवीनतम तकनीकों पर ज्ञान देना था। कार्यशाला के समापन पर डॉ अन्नामल्लाई को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया एवं सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। कार्यशाला का संचालन भूमिका गुप्ता ने किया व डॉ गीतांजली भटनागर ने सभी को धन्यवाद पारित किया। इस कार्यशाला में गीतांजली कॉलेज ऑफ फिजियोथैरपी की समस्त फेकल्टी एवं विद्यार्थी मौजूद थे।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal