मनरेगा में मुजफ्फरपुर मॉडल के अनुरूप होगा वृक्षारोपण


मनरेगा में मुजफ्फरपुर मॉडल के अनुरूप होगा वृक्षारोपण

जनजाति बाहुल्य उदयपुर जिले के काश्तकारों को आर्थिक उन्नति के नये द्वार खोलने एवं आजीविका के संसाधनों में वृद्घि करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना में मुजफ्फरपुर मॉडल अपनाया जाएगा। इस योजना में अपनाये जाने वाले नवाचारों को लेकर सोमवार को जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला परिषद् सभागार में नरेगा कार्मिकों सहित संबंधित अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

 

जनजाति बाहुल्य उदयपुर जिले के काश्तकारों को आर्थिक उन्नति के नये द्वार खोलने एवं आजीविका के संसाधनों में वृद्घि करने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना में मुजफ्फरपुर मॉडल अपनाया जाएगा। इस योजना में अपनाये जाने वाले नवाचारों को लेकर सोमवार को जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला परिषद् सभागार में नरेगा कार्मिकों सहित संबंधित अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में व्याख्यान एवं प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जिले में स$डक किनारे वृक्षारोपण एवं उनके रखरखाव, सब्जी एवं फूल की खेती करने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।

जिला कलक्टर आशुतोष पेडणेकर ने मुजफ्फरपुर मॉडल की जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत ऐसी सडकों का चयन किया जाकर वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा जिनका भविष्य में चौडाई बढाने का प्रावधान नहीं है। प्राथमिकता के तौर पर ऐसी सडकों का चयन किया जाएगा जिसके आसपास घनी आबादी क्षेत्र हो ताकि वृक्षारोपण के पश्चात रखरखाव के लिए सडक किनारे रहने वाले स्थानीय नरेगा श्रमिकों को जिम्मेदारी दी जाए।

सडकों के चयन में प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना या राज्य राजमार्गों को प्राथमिकता दी जाएगी जहाँ गहन आबादी क्षेत्र हो। इस प्रकार उन श्रमिकों को घर के पास ही मनरेगा योजना में तीन से पांच वर्ष तक रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

वन पोषक के नाम से जाने जायेंगे श्रमिक –

उन्होंने बताया कि योजना के तहत वृक्षारोपण एवं रखरखाव के लिए महिला, नि:शक्तजन एवं उम्रदराज नरेगा श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन्हें वन पोषक श्रमिकों के नाम से जाना जायेगा। इनकी वृक्षारोपण एवं रखरखाव की जिम्मेदारी होगी तथा पौधों की जीवितता के अनुरूप ही भुगतान किया जाएगा। इस तरह से वृक्षारोपण के पश्चात तीन से पांच वर्ष तक प्रतिवर्ष सौ दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

15 से 20 किलोमीटर लम्बी सडकों पर होगा वृक्षारोपण –

जिला कलक्टर ने बताया कि सडकों के चयन, वृक्षारोपण एवं रखरखाव के लिए ब्लॉक स्तर पर गठित टीम द्वारा सडकों का चयन किया जाएगा। प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम चार सडकों (लगभग 15 से 20 किमी लम्बी) का चयन कर सक्षम अधिकारी से तखमीना तैयार कर मानसून पूर्व वृक्षारोपण का कार्य पूर्ण करवाया जाएगा।

वृक्षारोपण उत्सव मनाकर लगाए जाएंगे वृक्ष –

मानसून को देखते हुए की जा रही तैयारियों के तहत वृक्षारोपण के लिए जिले के ब्लॉक स्तर पर प्रत्येक ग्राम पंचायत वार ”वृक्षारोपण उत्सव” मनाया जाएगा तथा उसी दिन वृक्षारोपण करवाया जाएगा।

योजना में सब्जी व फूल के बीज उपलब्ध होंगे –

काश्तकारों के दिन अब फिरने वाले है। मनरेगा योजना में काश्तकारों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ उनकी माली हालत सुधारने एवं काश्त की जाने वाली जमीन का अधिकतम उपयोग करने के लिए काश्तकारों को सब्जी एवं फूल के हाइब्रिड बीज तथा अदरक एवं हल्दी उपलब्ध करवाई जाएगी। जिला कलक्टर ने बताया कि सब्जियों में टमाटर, बैंगन, भिण्डी एवं मिर्ची, मेरागोल्ड, गुलाब, ग्लेडीलस के हाइब्रिड बीज उपलब्ध करवाये जाएंगे ।

94 तालाबों का सुदृढीकरण भी नवाचारों में –

महात्मा गांधी नरेगा योजना में सिंचाई विभाग से हस्तांतरित जिले के 94 तालाबों के सुदृढीकरण, नहरों की मरम्मत एवं निर्माण कार्य के प्रस्ताव भी लिए गए है। इनका पुनरूद्वार हेतु स्लूस गेट मरम्मत पुननिर्माण, लीकेज रोकने एवं ओवरफ्लो सेक्शन की मरम्मत के कार्य होंगे। तालाबों की डिजाइन के अनुरूप सिंचित क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी एवं फसल उत्पादन में भी आशातीत वृद्घि होगी।

आयोजित कार्यशाला में प्रश्नोत्तरी एवं व्याख्यान के माध्यम से विषय विशेषज्ञों ने नवाचारों को लेकर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित नरेगा से जुडे अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags