बिखरे हुये अल्फ़ाज़ो को सहेजता नाट्यांश का पोएट्री स्लैम

बिखरे हुये अल्फ़ाज़ो को सहेजता नाट्यांश का पोएट्री स्लैम

नाट्यांश सोसायटी आॅफ ड्रामेटिक एंड परफाॅर्मिंग आर्ट्स और भारतीय लोक कला मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे छठें राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘अल्फ़ाज़ - 2018’ की दुसरी कडी, अरवाना शोपिंग सेंटर में पोएट्री स्लैम यानि कि कविता पाठ के रूप में संपन्न हुई। राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘अल्फ़ाज’ में होने वाले सभी कार्यक्रम महिलाओं को केंद्र में रखकर ही किए जात

 

बिखरे हुये अल्फ़ाज़ो को सहेजता नाट्यांश का पोएट्री स्लैम

नाट्यांश सोसायटी आॅफ ड्रामेटिक एंड परफाॅर्मिंग आर्ट्स और भारतीय लोक कला मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे छठें राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘अल्फ़ाज़ – 2018’ की दुसरी कडी, अरवाना शोपिंग सेंटर में पोएट्री स्लैम यानि कि कविता पाठ के रूप में संपन्न हुई। राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘अल्फ़ाज’ में होने वाले सभी कार्यक्रम महिलाओं को केंद्र में रखकर ही किए जाते हैं। इसी कडी में आज के कविता पाठ में भी सभी मेहमान कवियों ने महिलाओं और महिलाओं से जुडें मुद्दो और विषयो को केंद्र में रखकर ही अपनी प्रस्तुति दी।

आज के इस कविता पाठ में शहर के जाने-माने वरिष्ठ कवि और रंगकर्मी खुर्शीद नवाब साहब और हास्य कवि मुस्ताक चंचल साहब ने भी मंच पर अपनी बेहतरीन कविता पाठ से इस कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिये।

वरिष्ठ कवियों के साथ-साथ शहर के दिग्गज और जाने-माने कवियों ने भी शिरकत करी। कवियों में नूपुर बसु, ज़रनैन फातिमा, विभा मेहता, घनश्याम जी, मधु जैन, हर्षिता शर्मा, चुनौती शर्मा, शिवदान सिंह झोलावास, देवर्षी मेहता और अमित श्रीमाली ने अपनी कविता पाठ से दर्शकों में एक नया उत्साह भर दिया। कविता पाठ के साथ ही सभी ने अपने अनुभव भी सांझा किये।

इस कविता पाठ के माध्यम से विभिन्न कविता समुह के कवियों ने मंच पर अपनी प्रस्तुतिया दी। ऐसा विरले ही देखने को मिलता है कि अलग-अलग विधा और पहचान वाली शक्सियत एक मंच पर आ कर अपनी बात कहे। कार्यक्रम की निजामत तैख़ुम सादिक ने संभाली। कार्यक्रम की सफलता इसी बात से साबित होती है कि वरिष्ठ रंगकर्मी खुर्शीद नवाब साहब ने मंच के माध्यम से कहा कि – ‘‘मैं यह सोच कर दुःखी था कि अब कविता के पटल में केवल चुटकले ही बाकि रह गये है, परन्तु आज इस युवा शक्ति की कोशिशो से मुझे तसल्ली है कि एक नई पीढ़ी तैयार है इस विरासत को सहेझने में जुटी है।’’

कार्यक्रम के संयोजक रेखा सिसोदिया ने बताया कि इस आयोजन के आखिर में नाट्यांश के अध्यक्ष अशफ़ाक़ नुर ख़ान ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। और इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अब्दुल मुबीन खान, मोहम्मद रिजवान, अगस्त हार्दिक नागदा, ऋषभ यादव, योगिता सिसोदिया, कुमुद, जतिन, धर्मेंद्र, आकांक्षा और महेश ने भी सहयोग दिया।

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