मौताणो पर सकारात्मक भुमिका निभाए पुलिस
राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एच.आर कुड़ी ने कहा कि मेवाड में आदिवासी समाज में मौताणा की प्रथा है। कुडी ने मौताणा को सामाजिक बुराई बताते हुए कहा की आयोग द्वारा इसे समाप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एच.आर कुड़ी ने कहा कि मेवाड में आदिवासी समाज में मौताणा की प्रथा है। कुडी ने मौताणा को सामाजिक बुराई बताते हुए कहा की आयोग द्वारा इसे समाप्त करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
शुक्रवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से रूबरू होते हुये आयोग अध्यक्ष कुड़ी ने कहा की, आदिवासियों की मौताणा प्रथा को हटाने के लिये पूरे प्रयास किये जा रहे है। कुडी ने बताया कि राज्य में अभी लगभग 4000 विचाराधीन मामले हैं। मौताणा एक सामाजिक बुराई है, जिसको समाप्त करने के लिये आयोग द्वारा जल्द ही रिर्पोट बनाकर राज्य सरकार को भेजी जायेगी।
बातचीत के दौरान मौताणो पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि, पुलिस विभाग को उस दौरान सकारात्मक भुमिका निभाते हुए निष्पक्ष कारवाई करनी चाहिये। इससे पहले कुडी ने अपने उदयपुर प्रवास के दौरान कोर्ट केम्प व जनसुनवाई भी की, जिसमें पुलिस विभाग का उदासीन रवैये के मामले सामने आए थे।
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