फ़तेह सागर में प्रदुषण का स्तर बढ़ेगा


फ़तेह सागर में प्रदुषण का स्तर बढ़ेगा

स्वरुप सागर में जमे गंदे, प्रदूषित बदबू से युक्त पानी को बहार निकालने से पहले ही फतहसागर में डालने से फतहसागर में गंदगी का स्तर बढ़ेगा। यह चिंता रविवार को चांदपोल नागरिक समिति, झील सं

 
फ़तेह सागर में प्रदुषण का स्तर बढ़ेगा

स्वरुप सागर में जमे गंदे, प्रदूषित बदबू से युक्त पानी को बहार निकालने से पहले ही फतहसागर में डालने से फतहसागर में गंदगी  का स्तर बढ़ेगा। यह चिंता रविवार को चांदपोल नागरिक समिति, झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित  झील संवाद में व्यक्त की गयी।

संवाद में गणेश प्रतिमाओ का आगामी दिनों में झीलों में विषर्जित नहीं करने की नागरिक अपील भी की गयी।

झील संरक्षण समिति के सहसचिव अनिल मेहता ने कहा कि विगत कई वर्षो से ऐसे कई निर्णय लेने से पूर्व संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में संचालित झील संवर्धन एवं झील विकास सोसायटी की बड़ी बैठक में गंभीर चर्चा होती थी। विगत तीन वर्षो में इस समिति की बैठक ही आयोजित नहीं की जा रही है।और अदूरदर्शी व अवैज्ञानिक निर्णय लिए जा रहे है।

चांदपोल नागरिक समिति के तेज शकर पालीवाल ने कहा कि फतहसागर में पानी डालने के पीछे व्यावसायिक उद्देश्य है। पानी का स्तर घटने से जेटियो को आगे खिसकना पड़ता। जेटियो तक पानी लाने  के लिए ही फतह सागर में पानी डाला जा रहा है। स्वरुप सागर का पानी फतह सागर में जाने से जल प्रवाह बढ़ा है नतीजतन रंग सागर एवं स्वरुप सागर से प्लास्टिक कचरा , मानवीय मल  और कई सड़ी बदबूयुक्त सामग्री लिंक केनाल के रस्ते फतह सागर में समाहित हो उससे पूर्व इसे स्वरुप सागर से निकाल लिया जावे। संवाद में मोहन सिंह रमेश चन्द्र राजपूत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि स्वरुप सागर के गंदे पानी को फतह सागर में डालने से फ़तेह सागर में प्रदुषण का स्तर बढ़ेगा।  बेहतर होता की सिंचाई विभाग के कर्ता धर्ता विशेषज्ञों और पर्यावरण के जानकार लोगो से सलाह लेते। पूर्व में जिस प्रकार देवी प्रतिमाओ के विशर्जन में शहर के नागरिको ने पहल कर झील में मुर्तिया प्रवाहित ना कर सांकेतिक विशर्जन किया था उसी तरह गणेश प्रतिमाओ का भी सांकेतिक विशर्जन क्रिया कर झीलों को प्रदुषण से बचाया जा सकता है। संवाद से पूर्व रविवारीय श्रम दान के दौरान बारीघाट झीलक्षैत्र से प्लास्टिक,पोलिथिन,जलीय घास,हवन  पूजन सामग्री एवं शराब की बोतले निकली गयी। श्रमदान में रमेश चन्द्र राजपूत,कुशल रावल,मोहन सिंह चौहान,दुर्गा शंकर पुरोहित,रामलाल गहलोत,अम्बालाल नकवाल ,कैलाश कुमावत,महेंद्र सोनी, तेज शंकर पालीवाल, अनिल मेहता, नन्द किशोर शर्मा आसहित कई नागरिको ने भाग लिया।

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