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विचारधारा के पावरहाऊस मिलती है जीवन को गति

जीवन में हमारी विचार धारा एक पावर हाउस की भाँती से जिससे पूरे जीवन को गति मिलती है। चेतना कि सर्वाधिक शक्ति विचार धारा के निर्माण में ही लगी रहती है। 'मन' दो अक्षर का छोटा सा शब्द है लेकिन सभी विचारधाराओं का जन्मदाता है।

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जीवन में हमारी विचार धारा एक पावर हाउस की भाँती से जिससे पूरे जीवन को गति मिलती है। चेतना कि सर्वाधिक शक्ति विचार धारा के निर्माण में ही लगी रहती है। ‘मन’ दो अक्षर का छोटा सा शब्द है लेकिन सभी विचारधाराओं का जन्मदाता है।

उक्त विचार श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि कुमुद ने पंचायती नोहरा में विशाल धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि मन छोटा हो कर भी शरीर की आन्तरिक एवं बाह्य समस्त शक्तियों में सर्वाधिक शक्तिशाली है। जीवन के उत्थान-पतन का केन्द्र यह विचार धारा ही है।

उन्होंने कहा कि आज चारों ओर जन जीवन संत्रस्त और असुरक्षित है, हताश है क्योंकि मानव ने इस सदी में अपने मन का सर्वाधिकदुरूपयोग किया है। शास्त्रों में मन की विचार की धारा भी एक महत्वपूर्ण अंग बनी हुई है। यदि शास्त्रो में मन के उल्लेख नही मिलते तो पशुओं की तरह मानव भी मन के विषय में अनजान ही रह जाता। अत: मानव की विचारधारा का महत्व मानव जीवन जितना ही स्वीकार का लेना चाहिये।

मुनिने बताया कि कि स्वाध्याय के द्वारा मन की विचार धारा का परिष्कार किया जा सकता है। ध्यान भी मन को पवित्र बनाने का अत्युतम साधन है। कार्यक्रम का संचालन मंत्री हिम्मत बड़ाला ने किया।

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