प्रज्ञा महर्षि उदय मुनि का चातुर्मास मंगलप्रवेश
प्रज्ञा महर्षि श्री उदय मुनि का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश 9 जुलाई बुधवार को प्रातः . बजे श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान में होगा। आप बिजयनगर का यशस्वी चातुर्मास सम्पन्न कर, ग्रामानुग्राम विचरण करके उग्र विहार करते हुए यहाँ पधारे हैं; पूज्य श्री विरक्त मुनि जी साथ में है । आपकी दीक्षा का यह 12वां वर्ष है ।
प्रज्ञा महर्षि श्री उदय मुनि का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश 9 जुलाई बुधवार को प्रातः . बजे श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान में होगा। आप बिजयनगर का यशस्वी चातुर्मास सम्पन्न कर, ग्रामानुग्राम विचरण करके उग्र विहार करते हुए यहाँ पधारे हैं; पूज्य श्री विरक्त मुनि जी साथ में है । आपकी दीक्षा का यह 12वां वर्ष है ।
आपने सिंगोली (म.प्र.) बड़ीसादड़ी, लाल भवन एवं आदर्श नगर, जयपुर में एवं पांच चातुर्मास दिल्ली में, एक जम्मू में कर चुके हैं । ज्ञान दर्शन चारित्र एवं रत्नत्रय धर्म के उत्कृष्ट आराधक है । आप श्रवण संघ के जान-माने विद्वान, ज्ञानी, त्यागी, तपस्वी संत रत्न है । कठोर क्रिया पालक है । आपके पांचों विगयों और नमक का आजीवन त्याग है । आठ सौ पृष्ठों का मोक्ष मार्ग प्रवचन ग्रन्थ, चार सौ पृष्ठों का संलेखना – संथारा समाधि ग्रन्थ एवं आठ अन्य ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं । आपके प्रवचन, आगमो, प्रभावी मर्मस्पर्शी, ज्ञान वैराग्य वर्धक होते हैं ।
सेक्टर नं. 4, चातुर्मास सह संयोजक अरविन्द जारोली ने बताया कि दीक्षा पूर्व आप चार वर्ष वाणिज्य एवं विधि के प्राध्यापक इन्दौर में रहे । नीमच में 12 वर्षाे तक विधि आचार्य और प्राचार्य रहे उसी अवधि में विक्रम वि.वि. में विधि अध्ययन परिषद के अध्यक्ष और विधि संकायाध्यक्ष (डीन) रहे । पांच वर्षाे तक जावद में महाविद्यालय के प्राचार्य रहे । त्याग पत्र देकर आप स्वाध्याय और गौरक्षा सेवा में जुड़े ।
पच्चीस वर्षाे तक नीमच श्री संघ के महामंत्री रहे । 17 वर्षाे तक स्वाध्यायी रहे, पर्युषण सेवा देते रहे । गायों की रक्षा, कत्लखाने बंदी हेतु निःशुल्क पैरवी करते थे । उच्च एवं सर्वाेच्च न्यायालय तक जाकर कई जीवों की रक्षा में लगे । भारत सरकार द्वारा भारत गोवश्ंा आयोग में विधि विशेषज्ञ रहे । म.प्र. गौसवा आयोग के कार्यकारी सदस्य रहे । अ.भा.कृषि गौसेवा संघ में छः वर्ष महामंत्री और दीक्षा पूर्व तक कार्याध्यक्ष रहे । जीव रक्षा-गौरक्षार्थ बने कानुनों पर आठ सो पृष्ठों का एक ग्रन्थ लिखा । जिसे भारत सरकार के जीव जन्तु कल्याण बोर्ड ने प्रकाशित किया । आप अपने युग के म.प्र. के ख्यातनाम कानुनज्ञ-संविधान विशेषज्ञ थे । नई दुनिया दैनिक के कानुन कॉलम के प्रसिद्ध लेखक थे ।
आपने विश्वविद्यालय में मान्य तीन विधि ग्रन्थ भी लिख चुके थे । आप 1966 में इन्दौर वि.वि. के प्रथम एल.एल.एम. थे । आपके निर्देशन में 13 एल.एल.एम. और दो पीएच.डी. भी निकले । आप विक्रम वि.वि. के पीएच.डी. मार्गदर्शक थे। जैन कॉफ्रेन्स युवा शाखा उदयपुर सम्भाग के पूर्व अध्यक्ष अरविन्द जारोली ने बताया कि आपका 2014 का चातुर्मास वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ संस्थान, सेक्टर नं. 4, हिरण मगरी, उदयपुर को प्राप्त हुआ है ।
महाराजश्री का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश दिनांक . जुलाई प्रातः 8 बजे 7 गणपति विहार से सेक्टर 4 जैन स्थानक में होगा। प्रवेश हिराण् मगरी के विभिन्न मार्गों से होता हुआ 9 बजे वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान पहुंचेगा। प्रवेशोपरान्त धर्मसभा होगी।
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