उदयपुर वासियों की प्रमुख आस्था का केंद्र महालक्ष्मी मंदिर में प्राकट्योत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर माता महालक्ष्मी का सोने और चांदी की बनी मनमोहक पोषक से श्रृंगार किया गया। माता महालक्ष्मी के दर्शन के लिए अल सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ती रही तो वही मंदिर प्रबंधन ने भी दर्शन के लिए समुचित बंदोबस्त किए।
भट्टियांनी चौहट्टा स्थित माता महालक्ष्मी का मंदिर उदयपुर संभाग का सबसे पुराना मंदिर है और प्राकट्योत्सव के अवसर पर हर वर्ष हजारों भक्त पूरे दिन में दर्शन करते है। माता महालक्ष्मी के मंदिर प्रांगण पर आकर्षक सजा सजा की गई है। भट्टियांनी चौहट्टा मार्ग पर भी मनमोहक लाइटिंग कर पूरे परिसर को भक्ति मय माहौल से सराबोर कर दिया है।
प्राकट्योत्सव के अवसर पर प्रातकाल 4:00 बजे ट्रस्टी जतिन श्रीमाली एवं पुजारी राजेंद्र ओझा ने मातेश्वरी महालक्ष्मी का अभिषेक किया उसके बाद मातेश्वरी महालक्ष्मी जी को सवा लाख रुपए की सोने चांदी से बनी पोशाक धारण कराई गई। प्रातः काल 10:00 बजे श्री सूक्त के पाठ एवं हवन प्रारंभ हुआ, जिसमें मुख्य यजमान जयप्रकाश श्रीमाली के साथ पांच जोड़े हवन में बैठे। उसके पश्चात पूर्णाहुति हुई जिसमे समाज के कई प्रबुद्ध लोग शामिल हुए। प्राकट्योत्सव के अवसर पर सुंदरकांड का पाठ आयोजित हुआ तो वहोआध्य रात्रि में महा आरती एवं प्रसाद का वितरण किया जाएगा।
कार्यक्रम में भगवती लाल दशोत्तर, संस्कार भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष रविंद्र श्रीमाली, दिग्विजय श्रीमाली, मधुसूदन बोहरा, जतिन श्रीमाली, जयप्रकाश श्रीमाली, हेमेंद्र लाला, जमनालाल ओझा, हेमंत त्रिवेदी, दिनेश लटावत, प्रेम शंकर बोहरा, सुनील श्रीमाली, जमनालाल ओझा, जयेश श्रीमाली, रंजीत श्रीमाली, धर्मेंद्र दवे, प्रकाश श्रीमाली सहित सैकड़ो भक्तगण उपस्थित थे।
माता महालक्ष्मी के मंदिर में हाथी पर विराजित महालक्ष्मी की प्रतिमा पूरे देश में अनूठी है। ऐसे में यहां भक्तो की भी विशेष आस्था है। प्राकट्योत्सव के अवसर पर शहर के भी लोगो की भीड़ पूरे दिन मंदिर पहुंचती रही। मध्य रात्रि में भी महालक्ष्मी की भव्य महाआरती की जाएगी, जिसमे सैंकड़ों को तादाद में भक्त मौजूद रहेंगे। महाआरती के बाद प्रसाद का भी वितरण होगा।
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