नगर निगम चुनाव में ताल ठोकेगा प्रवीण रतलिया का उदयपुर बदलाव दल
उदयपुर आगामी नगर निगम चुनाव में मद्देनज़र लेकसिटी का प्रमुख बनने और नगर निगम का बोर्ड बनाने को लेकर शतरंज की बिसात बिछ चुकी है। दोनों प्रमुख दल भाजपा कांग्रेस के अतिरिक्त लेकसिटी में तीसरी शक्ति बनने को आतुर कई पार्टिया, मोर्चे और निर्दलीय भी ताल ठोंकने को तैयार दिख रहे है। इसी कड़ी में भाजपा व कांग्रेस दोनों राजनीतिक पार्टियों को चुनौती देने शहर की जनता के सामने तीसरे विकल्प के रूप में ‘‘उदयपुर बदलाव दल’’ नामक पार्टी भी मैदान में उतरने को तैयार है।
उदयपुर आगामी नगर निगम चुनाव में मद्देनज़र लेकसिटी का प्रमुख बनने और नगर निगम का बोर्ड बनाने को लेकर शतरंज की बिसात बिछ चुकी है। दोनों प्रमुख दल भाजपा कांग्रेस के अतिरिक्त लेकसिटी में तीसरी शक्ति बनने को आतुर कई पार्टिया, मोर्चे और निर्दलीय भी ताल ठोंकने को तैयार दिख रहे है। इसी कड़ी में भाजपा व कांग्रेस दोनों राजनीतिक पार्टियों को चुनौती देने शहर की जनता के सामने तीसरे विकल्प के रूप में ‘‘उदयपुर बदलाव दल’’ नामक पार्टी भी मैदान में उतरने को तैयार है।
उदयपुर बदलाव दल के संयोजक प्रवीण रतलिया ने सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में ‘‘उदयपुर बदलाव दल‘‘ नामक पार्टी बनाने की घोषणा की। रतलिया ने बताया कि उनकी पार्टी आगामी चुनावों में 70 वार्डों में अपने प्रत्याषी उतारेंगी और जीत दर्ज करेंगी।
गत विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरकर तीसरे नंबर पर रहने वाले प्रवीण रतलिया ने बताया की ‘उदयपुर बदलाव दल‘ का प्रत्याषी किसी भी दल का बागी नहीं होकर वार्ड में निवासरत वह समाजसेवी होगें जिससे वार्ड की समस्त जनता परिचित हो।
उदयपुर बदलाव दल ने वार्ड – 6 से रवि नलवाया, वार्ड – 28 से राजसिंह राठौड़, वार्ड – 45 से रोहित जोशी, वार्ड- 46 से गोपाल शर्मा, वार्ड-63 अनामिका भाटी पार्टी के रूप पांच अधिकृत प्रत्याषी की घोषणा भी कर डाली है।
उदयपुर बदलाव दल सभी राजनीतिक पार्टियों से भिन्न अपने प्रत्याषी का चुनाव वार्ड की जनता से करवायेगा, वार्ड वासियों के बीच एक सर्वे करवाया जायेगा। जिसमें जाति बन्धनों से ऊपर किसी वर्ग-विशेष से हट कर वार्डवासियों के द्वारा सुझाए गये नाम को प्रत्याषी बनाया जाएगा।
उल्लेखनीय है की उदयपुर नगर निगम में पिछले पच्चीस साल से भाजपा का ही राज है। शहर के सड़को की बदहाली और खड्डो को लेकर वर्तमान बोर्ड और महापौर, वार्डो के निष्क्रिय पार्षदों को लेकर जन आक्रोश को देखते हुए अब यह देखना रोचक होगा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और तीसरे विकल्प के नेता इसको कितना भुना पाते है। हालाँकि भाजपा के मज़बूत संगठन और बूथ लेवल की तैयारी को देखते हुए नगर निगम के चुनावो में कांग्रेस समेत तीसरे विकल्प के नेताओ को काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
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