बिना लक्ष्य के तैयारी, जैसे पानी, बिन मछली : आनंद कुमार
“बिना लक्ष्य के तैयारी करना, बिल्कुल उसी तरह है, जैसे पानी बिन मछली। वर्तमान में छात्र वर्ग असमंजस में हैं। लक्ष्य क्या निर्धारित करता हैं और कर कुछ और बैठता है। थोड़ी सी निराशा हाथ लगी, मानों पहाड़ टूट पड़ा हो। ऐसे में विद्यार्थियों को ऐसी स्थिति से बाहर निकलना होगा”।
“बिना लक्ष्य के तैयारी करना, बिल्कुल उसी तरह है, जैसे पानी बिन मछली। वर्तमान में छात्र वर्ग असमंजस में हैं। लक्ष्य क्या निर्धारित करता हैं और कर कुछ और बैठता है। थोड़ी सी निराशा हाथ लगी, मानों पहाड़ टूट पड़ा हो। ऐसे में विद्यार्थियों को ऐसी स्थिति से बाहर निकलना होगा”।
सुपर 30 संस्था के निदेशक आनंद कुमार ने कहा कि, “सबसे पहले अर्जुन की तरह लक्ष्य का निर्धारण करना होगा। किसी भी परिस्थिति में इसके मार्ग से नहीं भटकना होगा”। आनंद कुमार सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के यूजीसी महिला अध्ययन केंद्र की ओर से आयोजित व्याख्यानमाला में हिस्सा लेने उदयपुर आए थे।
व्याख्यानमाला में उन्होंने विद्यार्थियों को लक्ष्य तय करने, आने वाली संभावित परेशानियां तथा धैर्य रखकर आगे बढऩे का आह्वान किया। आनंद ने बताया कि सुपर 30 में वे उन्हीं बच्चों को शामिल करते हैं, जो गरीब, मजबूर व लाचार तो हैं, लेकिन पढ़ाई में कुशाग्र हैं।
इन विद्यार्थियों को वे दो साल तक अपने घर पर ही रखते हैं तथा उनसे तैयारी करवाते हैं। इस काम में उनका परिवार भी सहयोग करता है। व्याख्यानमाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आईवी त्रिवेदी ने कहा राजस्थान में विशेष रूप से उदयपुर संभाग में भी ऐसे कई विद्यार्थी हैं, जो पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं, जबकि उनके सामने कई मजबुरियां होती है। ऐसे में यदि उन्हें भी उचित मार्गदर्शन मिल जाए तो काफी राहत भरा कदम साबित हो सकता है।
प्रो. त्रिवेदी ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे पढ़ाई के साथ पूरी ईमानदारी बरते तथा लक्ष्य की और बढ़े। व्याख्यानमाला में महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रो. रेणु जटाना ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए समय समय पर इस तरह के व्याख्यानों का आयोजन होना चाहिए, ताकि उनके मन में दबे प्रश्नों को वे पूछ सकें तथा खुद का मूल्यांकन एवं विकास कर सकें।
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